50 साल बाद अब रावण भी होना चाहता है रिटायर
वृद्धावस्था के चलते अब रावण ने भी रिटायर होने की इच्छा जता दी है. इस दशहरे पर वह आखिरी बार राम को ललकारकर बाकी की जिंदगी चैन से गुजारना चाहता है.
(फाइल फोटो) |
दरअसल, छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार की रामलीला में रावण का अहम किरदार निभाने वाले 70 वर्षीय कलाकार संतराम ने बढ़ती उम्र से विवश होकर रिटायर होने की इच्छा जताई है.
एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक संतराम इस वर्ष दशहरे के दिन आखिरी बार रावण का किरदार निभाएंगे. वह महज 20 साल की उम्र से रामलीला में रावण का किरदार निभाते चले आ रहे हैं.
शहर के पुरानी बस्ती मावली चौक निवासी संतराम जायसवाल का असली नाम अब शायद ही कोई जानता हो क्योंकि पूरे क्षेत्र में वह रावण नाम से ही जाने जाते हैं.
उनके रावण नाम की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अगर कोई उनके घर का पता संतराम के नाम से ढूंढे तो वह सही पते पर पहुंचेगा, यह कहना जरा मुश्किल होगा. लेकिन रावण का पता पूछा तो कोई छोटा बच्चा भी उनके घर तक पहुंचा देगा.
अब यह नाम केवल बस्ती या चौक तक सिमटकर नहीं रह गया बल्कि सारा शहर उसे रावण के नाम से जानता है.
संतराम का नाम भले ही रावण पड़ चुका हो लेकिन उनकी आस्था भगवान राम में है और लोग हमेशा उनकी अच्छाइयों की चर्चा करते रहते हैं. सुबह-सेवेरे उठकर स्नान-ध्यान करने वाले संतराम बेहद सादगीभरा जीवन व्यतीत करते हैं. फिल्म, सिरियल से वह कोसों दूर हैं. हां कभी-कभी टीवी पर धार्मिक कार्यक्रम देख लेते हैं. संतराम का चार बेटे, बहुओं, नाती-पोतों सहित 23 लोगों का भरा-पूरा परिवार एक साथ एक ही छत के नीचे रहते हैं.
50 वर्षों तक अपनी दमदार आवाज से हजारों की भीड़ में भी उस्ताह पैदा कर देने वाले संतराम के मन में एक टीस है कि आधी सदी तक कला की सेवा करने के बाद भी शासन या जिला प्रशासन की ओर से कभी कोई सम्मान या पुरस्कार नहीं मिला.
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