अपशगुन के डर से बंदर की मौत पर मुंडन और मृत्यु भोज

Last Updated 18 Sep 2014 12:38:02 PM IST

मध्य प्रदेश के इंदौर के एक गांव में बंदर का अंतिम संस्कार धार्मिक रीति-रिवाज से किया गया.


बंदर की मौत पर मृत्यु भोज

यह सुनकर आपको आश्चर्य हो, लेकिन इंदौर शहर से 20 किलोमीटर दूर सांवेर के पास डाकाचिया गांव में ऐसा वाकया सामने आया है.

इसके पीछे कोई अंधविश्वास नहीं, बल्कि लोगों का अपशगुन का डर है.

इसलिए बंदर का अंतिम संस्कार धार्मिक रीति रिवाज से किया गया, साथ ही मृत्यु भोज का भी आयोजन किया. गांव के लगभग 200 लड़कों ने मुंडन कराया और अस्थियों को हरिद्वार ले जाकर विसर्जित किया गया.

गांव में हनुमान मंदिर के पास पेड़ पर एक बंदर का जोड़ा रहता था.

पिछले दो सितंबर को कुत्तों ने इन्हें दौड़ा लिया और इनमें से एक की तालाब में गिरकर मौत हो गई. इसके बाद गांव के लोगों ने फैसला किया कि बंदर भगवान हनुमान के अवतार होते हैं और उनका पूरे सम्मान के साथ आम लोगों की तरह अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए.

गांव के लोगों ने न सिर्फ बंदर की अर्थी निकाली, बल्कि उसका अंतिम संस्कार क्षिप्रा के तट पर किया गया. गांव के सरपंच रमेशजी ने बताया कि मृत्यु भोज में डकाचिया से लगे चार अन्य गांवों के लोगों ने भी हिस्सा लिया. इसके लिए डेढ़ लाख रुपये इकठ्ठे किए गए.



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