आप हैरान हैं की मच्छर आपको काटता नहीं,जानें कारण
गर्मियां लगभग जा चुकी हैं और बारिश के साथ-साथ मच्छरों का हमला तेज होने के दिन आ गए हैं.
मच्छर |
मच्छरों का काटना हर किसी को परेशान करता है, न सिर्फ यह बीमारियां फैलाते हैं बल्कि शांति से बैठना भी मुश्किल कर देते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें मच्छर नहीं काटते.
आपने अक्सर देखा होगा कि आप मच्छरों से परेशान हो रहे होते हैं और आपके पास में ही बैठा कोई आपका दोस्त या अपना आपसे कहता है कि उसे तो मच्छर बिलकुल नहीं काट रहे.
इस पर कुछ लोग यह तर्क देते हैं कि किसी का खून ज्यादा अच्छा और स्वादिष्ट होता है तो उसे ज्यादा मच्छर काटते हैं, लेकिन सच यह नहीं है.
माइक्रोबियल इकोलॉजिस्ट रॉब नाइट ने समझाया कि हमारी त्वचा पर पनपने वाले बैक्टीरिया या माइक्रोब्स अलग तरह के कैमिकल बनाते हैं. इनमें से कुछ की सुगंध मच्छरों को आकर्षित करती है.
हमारी त्वचा पर ट्रिलियन से भी ज्यादा माइक्रोब्स होते हैं लेकिन यह शरीर के बारह और अंदर रहने वाले 100 ट्रिलियन बैक्टीरिया का बहुत छोटा सा भाग होते हैं. यह माइक्रोब्स शरीर की गंध में बड़ी भूमिका निभाते हैं. इंसान के पसीने से दुर्गध के पीछ यही बैक्टीरिया होते हैं. यह बैक्टीरिया हर व्यक्ति में अलग होते हैं.
यह साबित करने के लिए कि मच्छर त्वचा के माइक्रोब्स से आकर्षित होते हैं, शोधकार्ताओं ने 48 पुरूषों को दो दिन के लिए शराब, लहसुन, मिर्ची वाला खाना और नहाने से रोका. इन पुरूषों ने 24 घंटे के लिए नायलन की जुराबें भी पहनी ताकि इनके शरीर पर चुनिंदा किस्म के माइक्रोब्स पनपें. शोधकर्ताओं ने फिर ग्लास बीड्स को इन लोगों के पैर के नीचे की तरफ रगड़ा.
48 में से 9 पुरूषों की तरफ मच्छर कुछ ज्यादा ही आकर्षित हुए, जबकि 7 को मच्छरों ने नहीं काटा. इन 9 पुरूषों में एक कॉमन तरह का स्किन माइक्रोब 2.62 गुना ज्यादा था और एक और तरह का कॉमन माइक्रोब भी 3.11 गुना ज्यादा था. जबकि जिन लोगों को मच्छर ने नहीं काटा उनकी त्वचा पर अलग तरह के बैक्टीरिया थे.
इससे यह साबित हुआ कि कुछ लोगों की त्वचा की महक ऐसी होती है कि मच्छर उससे दूर ही रहते हैं.
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