शिक्षक दिवस पर बच्चों से रूबरू होते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद आया बचपना
शिक्षक दिवस के अवसर पर शुक्रवार को देश के कई छात्रों को मोदी सर से सीधे सवाल-जवाब करने और उनकी राय जानने का मौका मिला.
इमली क्यों दिखाते थे मोदी? |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस के मौके पर बच्चों से रूबरू होते हुए अपने बचपन की उन बातों को साझा किया, जो किसी को भी पता ही नहीं थीं.
बच्चों ने पीएम मोदी से सवाल किया था कि क्या वह भी बचपन में शरारतें किया करते थे. सवाल सुनकर मोदी मुस्कुरा उठे और बोले कि बिना शरारत के बच्चों का विकास रुक जाता है. उन्होंने कहा, सच बताऊं तो बचपन में मैं खूब शरारतें किया करता था.
मोदी ने बताया कि कैसे शादियों के मौके पर वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर शहनाई बजाने वालों को इमली दिखाते थे, ताकि उसके मुंह में पानी आ जाए और वह शहनाई बजा न पाए. शहनाई बजाने वाला उन्हें मारने के लिए दौड़ता था और वह भाग जाते थे.
यही नहीं, मोदी ने यह भी बताया कि वह शादी में आए महिला-पुरुष मेहमानों की पोशाकें स्टेपल कर दिया करते थे. पीएम का जवाब सुनकर सभी लोग हंस पड़े. हालांकि पीएम ने बच्चों से वादा लिया कि वह कभी ऐसी शरारतें नहीं करेंगे.
शिक्षक दिवस को प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक के सबसे यादगार शिक्षक दिवस में बदल दिया. इस मौके पर देश के कई छात्रों को मोदी सर से सीधे सवाल-जवाब करने और उनकी राय जानने का मौका मिला. इसे टेलीविजन, इंटरनेट और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूरे देश के करोड़ों छात्रों ने सुना.
गौरतलब है कि मोदी का भाषण सुनने के लिए दिल्ली के मानेकशॉ ऑडिटोरियम में खास इंतजाम किए गए थे. सरकारी स्कूलों के 600 विद्यार्थी जबकि केंद्रीय विद्यालयों के 100 विद्यार्थी मानेकशॉ ऑडिटोरियम पहुंचे.
मोदी ने कहा कि कोई बालक शरारत नहीं करे. यह सोचा भी नहीं जा सकता लेकिन आज बचपन तेजी से मर रहा है जो बहुत चिंता की बात है. बच्चे समय से पहले ही बहुत सोचने लग जाते हैं. बालपन में मस्ती और शरारत होनी ही चाहिए.
Tweet |