दिल की धड़कन के लिए थमा बेंगलूर-चेन्नई का 54 किलोमीटर ट्रैफिक

Last Updated 04 Sep 2014 10:44:13 AM IST

बेंगलूर में महिला के मौत के बाद हार्ट को निकालकर डॉक्टरों ने रिकॉर्ड समय में चेन्नई में एक मरीज में प्रत्यारोपण करने में सफलता हासिल की.


heart transplant (file photo)

हृदय प्रत्यारोपण अधिकतम छह घंटे के अंदर हो जाना चाहिए. आठ हृदय रोग विशेषज्ञों की टीम ने मात्र चार घंटे में इस सफल हृदय प्रत्यारोपण के ऑपरेशन को अंजाम दिया.

फोर्टिज मेलार अस्पताल के निदेशक हरीश ने बताया कि बेंगलूर स्थित बहु-विशेषज्ञता वाले बीजीएस अस्पताल में डॉक्टरों ने बुधवार की सुबह दिमागी चोट से मरी महिला के हॉर्ट को निकाला. उसे 45 किलोमीटर दूर बेंगलूर हवाई अड्डे तक एक एम्बुलेंस के जरिये मात्र 40 मिनट में पहुंचाया गया.

उसके बाद एयर इंडिया के एक विशेष विमान से उसे चेन्नई फोर्टिज तक लाया गया. इसके बाद उसे मरीज में ट्रांसप्लांट (प्रत्यारोपित) किया गया. इस तरह मृत महिला से मरीज में हॉर्ट को लगाने का काम छह घंटे से भी कम समय में पूरा हो गया.

समय बर्बाद नहीं हो इसके लिए यातायात की विशेष व्यवस्था की गई थी. निदेशक हरीश ने कहा कि हम बेंगलूर और चेन्नई की यातायात पुलिस के आभारी हैं जिन्होंने हवाई अड्डे से दोनों अस्पतालों तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया यानी एंबुलेंस के लिए सड़क खाली करा दी.

विमान को बेंगलूर से चेन्नई पहुंचने में 35 मिनट लगे. चेन्नई एयरपोर्ट से 12 किलोमीटर दूर अस्पताल आने में 10 मिनट लगे.

गौरतलब है कि मानव हॉर्ट को किसी मरीज में ट्रांसप्लांट करने के लिए अधिकतम छह घंटे तक ही एक विशेष तरह के घोल में रखकर संरक्षित रखा जा सकता है. इस अवधि के अंदर इसे मरीज में ट्रांसप्लांट करना होता है. इस तरह के सफल हृदय प्रत्यारोपण से मरीज करीब 20 साल जिंदा रह सकता है.



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