मणिपुर की करीब 10 सीटों पर बड़ा कारक होंगे मुस्लिम समुदाय

Last Updated 24 Feb 2017 12:21:23 PM IST

मणिपुर में भी अन्य कई राज्यों की तरह चुनाव में राजनीतिक दलों के लिये उनके मुस्लिम वोट बैंक का महत्व रहता है. मणिपुर में मुस्लिम समुदाय राज्य के कुल मतदाताओं का करीब नौ प्रतिशत है.


(फाइल फोटो)

करीब 12 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में स्थानीय रूप से ‘पंगल’ या ‘मैती पंगल’ कहे जाने वाले ये मुस्लिम समुदाय के सदस्य नतीजों में काफी उलट-फेर ला सकते हैं.
    
करीब 3-4 सीटों पर मुस्लिम वोट बैंक का सीधा बोलबाला और 7-8 सीटों पर प्रमुख कारक बनने की उनकी क्षमता सभी राजनीतिक दलों को उनकी ओर ध्यान देने को मजबूर करती है.
    
समुदाय ने कई प्रमुख नेता दिये हैं और 1970 के दशक में इस समुदाय से एक मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.
    
पारंपरिक तौर पर मुस्लिम समुदाय या तो कांग्रेस या मणिपुर पीपुल्स पार्टी :एमपीपी: के पक्ष में रहा है. इस चुनाव में एमपीपी ने जहां केवल अपने तीन उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं वहीं कांग्रेस खासकर घाटी के क्षेत्र में मुस्लिम मतों के बल पर जीत दर्ज करने की उम्मीद रखती है. इन क्षेत्रों में कांग्रेस की भाजपा के साथ सीधी टक्कर है.
    
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष टी एन हाओकिप ने कहा, ‘मुस्लिमों ने हमेशा हमें मत दिया है. पिछली बार हमारे तीन मुस्लिम उम्मीदवारों ने चुनाव जीता था. राज्य सरकार ने राज्य में मुस्लिमों के विकास के लिये कई कदम उठाये हैं.’
    
कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2006 में राज्य में सरकारी नौकरियों में मुस्लिम समुदाय के लिये चार प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी. समुदाय के सदस्यों के बीच उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये कांग्रेस सरकार ने कई कदम भी उठाये.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हिंदुत्व की विचारधारा का समर्थन करने वाली भाजपा की तरह हमलोग सांप्रदायिक और विभाजनकारी नहीं हैं.’
    
लेकिन वर्ष 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से मोदी लहर पर सवार भाजपा की मणिपुर इकाई को कांग्रेस सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के चलते चुनावी लाभ मिलने की उम्मीद है.


    
लेकिन टिकट वितरण के दौरान भाजपा ने मुस्लिम उम्मीदवारों को निराश किया क्योंकि इस समुदाय से भाजपा का केवल एक उम्मीदवार चुनाव मैदान में है.
    
कांग्रेस की सूची में ऐसे तीन उम्मीदवार हैं.
    
भाजपा के एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार मोहम्मद अनवर हुसैन लिलॉन्ग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. लिलॉन्ग राज्य का सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला क्षेत्र है.
    
बहरहाल, भाजपा नेतृत्व ने इस बात से इनकार किया है कि उसने मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट से महरूम रखा.
    
भाजपा प्रांतीय अध्यक्ष के भाबानंदा सिंह कहा, ‘टिकट का बंटवारा जीतने की संभावना रखने वाले उम्मीदवारों को ध्यान में रखकर किया गया. हमलोग ‘सबका साथ, सबका विकास’ में यकीन रखते हैं. अगर आप हमारे चुनावी घोषणापत्र को देखें तो आप देखेंगे कि भाजपा मुणिपुर में मुस्लिमों के लिये क्या करना चाहती है.’
    
भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिये तमाम वादों के बीच मणिपुर में धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक लोगों की जीवनशैली ओैर उनका स्तर सुधारने के लिये विशेष अभियान लागू करने का वादा किया है.
    
राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही मुस्लिम महिला नजिमा बीबी इरोम शर्मिला की पिपुल्स रिसज्रेंस एंड जस्टिस अलायंस :पीआरजेए: की ओर से वेबगई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं.
    
अपने खिलाफ फतवा जारी होने के बावजूद वह चुनाव मैदान में हैं.
 

 

भाषा


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