प्रचार अभियान से प्रभावित नहीं 16वीं लोकसभा चुनाव के युवा मतदाता
देश की 16वीं लोकसभा चुनाव के मैदान में पार्टियों का प्रचार अभियान करीब 20 प्रतिशत मतदाताओं को प्रभावित नहीं करता.
लोकसभा चुनाव (फाइल फोटो) |
वहीं 10 प्रतिशत मतदाताओं की इस संबंध में कोई पुख्ता राय नहीं है. 70 प्रतिशत मतदाता कहते हैं कि चुनाव प्रचार मतदान को प्रभावित करने के लिए आवश्यक अभियान है.
आन लाइन सर्वेक्षण करने वाले पोर्टल ई-चुनाव ने ‘प्रचार अभियान का मतदाताओं पर प्रभाव’ संबंधी सर्वेक्षण के आधार पर यह बात कही है. पोर्टल ने 26 से 70 तक की आयुवर्ग के लोगों से इस बारे में सवाल किया था. प्रचार अभियान के पक्ष में शामिल ज्यादातर मतदाता 46 से 55 और 56 से 70 आयुवर्ग के थे जबकि इसके प्रभाव को नकारने वाले 60 प्रतिशत मतदाता 26 से 35 और 36 से 45 आयुवर्ग के थे.
ई चुनाव के सव्रेक्षण के अनुसार 47 प्रतिशत महिला एवं 53 प्रतिशत पुरष मतदाताओं का मानना है कि चुनाव पूर्व प्रचार अभियान मतदाता को प्रभावित कर सकता है. इस सर्वेक्षण में 65 प्रतिशत एकल एवं 35 प्रतिशत विवाहित मतदाताओं ने हिस्सा लिया.
सर्वेक्षण में करीब 26 से 35 आयुवर्ग के करीब 60 प्रतिशत लोगों ने हिस्सा लिया, जबकि 36 से 45 और 46 से 55 आयुवर्ग के व्यक्तियों की हिस्सेदारी 16-14 प्रतिशत रही. सर्वेक्षण में 56 से 70 साल की उम्र वाले 10 प्रतिशत लोगों ने हिस्सा लिया.
उल्लेखनीय है कि जैसे जैसे चुनाव करीब आ रहे है, वैसे वैसे उम्मीदवारों को प्रचार अभियान भी जोर पकड़ रहा है. विभिन्न पार्टियां टीवी, रेडियो, होर्डिंग और प्रिंट माध्यम जैसे परंपरागत माध्यमों के अलावा इस बार इंटरनेट और सोशल मीडिया में भी अपने प्रचार के गीत गा रही हैं.
हालांकि नये मतदाता विभिन्न तरह के प्रचार अभियान से ज्यादातर प्रभावित नहीं होते और अपने मताधिकार का प्रयोग करते समय सरकार की उपलब्धियों एवं अन्य राष्ट्रीय मुद्दों को तरजीह देते हैं.
आन.लाइन सर्वेक्षण करने वाले पोर्टल ई-चुनाव की प्रमुख मालिनी दास ने कहा कि आन.लाइन सर्वेक्षण अन्य एजेन्सियों के सर्वेक्षणों से अधिक भरोसमंद हैं. इसमें फर्जी आंकड़े बनाने की गुंजाइश बिल्कुल नहीं होती, क्योंकि सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इंटरनेट के जरिये अपनी पहचान बतानी आवश्यक होती है.
मालिनी ने कहा कि हालांकि यह सर्वेक्षण किसी प्रकार का दावा नहीं करते, लेकिन इस बारे में एक अनुमान बनाने का आधार अवश्य प्रदान करते हैं. चूंकि यह सर्वेक्षण आंकड़े गैर संगठित एवं व्युतक्रम तरीके से एकत्रित किये जाने हैं, इसलिए इनकी विसनीयता बढ़ जाती है.
उल्लेखनीय है कि तकनीक विकास एवं अप्लीकेशन विकास करने वाली कंपनी वेरिस्टार्ट अपने औद्योगिक-सामाजिक-जिम्मेदारी के तहत स्वयं के विचार एवं चुनाव की आवाज को मंच देने वाला आन.लाइन पोर्टल है.
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