लखनऊ: कई दिग्गज मैदान में, कलराज और रीता की प्रतिष्ठा दांव पर

Last Updated 19 Jan 2012 12:36:01 PM IST

लखनऊ के चुनावी मैदान में कलराज मिश्र और रीता बहुगुणा जोशी की प्रतिष्ठा दांव पर है.


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चुनावी तस्वीर अब धीरे-धीरे साफ होने लगी है. यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से सहानुभूति बटोरने की जी-तोड़ कोशिश कर रही है तो अन्य दलों के उम्मीदवार भी अपने-अपने वादों के साथ मतदाताओं के बीच पहुंच रहे हैं.

वैसे तो लखनऊ में विधानसभा की नौ सीटें हैं लेकिन लखनऊ पूर्वी और कैंट विधानसभा से भाजपा और कांग्रेस के दो दिग्गज मैदान में हैं. लखनऊ पूर्वी सीट से भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद कलराज मिश्र चुनाव मैदान में हैं, तो कैंट से कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी की प्रतिष्ठा दांव पर है.

इन सीटों में सबकी नजर कलराज और रीता की सीटों पर ही है. दोनों नेताओं को अपने विरोधियों से भी जूझना पड़ रहा है.

इसके अलावा सांसद लालजी टंडन के पुत्र आशुतोष टंडन के लखनऊ उत्तरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के कारण यहां मुकाबला काफी रोचक हो गया है. लखनऊ से सांसद टंडन अपने बेटे की जीत सुनिश्चित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं.

लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से कानपुर रोड, एलडीए कॉलोनी और आशियाना इलाके के अलग हो जाने से मुकाबला रोचक हो गया है. यहां से भाजपा उम्मीदवार सुरेश तिवारी को नाराज लोगों को मनाना पड़ रहा है. लखनऊ मध्य विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी एवं निवर्तमान विधायक विद्यासागर गुप्त को अभी भी अपनों को ही मनाना पड़ रहा है क्योंकि पार्टी में इस सीट के अन्य दावेदार गुप्त से नाराज चल रहे हैं.

इस सीट से कांग्रेस के दिग्गज उम्मीदवार फाखिर सिद्दीकी हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से लौटे सिद्दीकी को पुराने कांग्रेसी अभी भी नहीं पचा पा रहे हैं.

राजनीतिक विश्लेषक राशिद खान के मुताबिक विधानसभा की नौ सीटों में सबकी नजर कलराज और रीता की सीटों पर ही है. दोनों नेताओं को अपने विरोधियों से भी जूझना पड़ रहा है.
 



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