सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, समझौते की संभावना खत्म होने पर अदालत तत्काल दे सकती है तलाक, नहीं करना होगा छह माह का इंतजार

Last Updated 01 May 2023 11:45:12 AM IST

सर्वोच्च न्यायालय की एक संविधान पीठ ने सोमवार को फैसला सुनाया कि वैवाहिक कानूनों के तहत तलाक के मामले में समझौते की संभावना खत्म होने पर अदालत आवश्यक छह माह की प्रतीक्षा अवधि को दरकिनार कर विवाह को तुरंत भंग कर सकती है।


न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, अदालत वैवाहिक संबंधों में आए गतिरोध के असाध्य होने पर उसे प्रतीक्षा अवधि का इंतजार किए बगैर तत्काल भंग कर सकती है, जो सार्वजनिक नीति के सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं करेगा।

पीठ ने कहा कि अदालत पूर्ण न्याय करने के लिए ऐसे मामलों में तलाक देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत उसे दी गई विशेष शक्ति का उपयोग कर सकती है। इसने कहा कि अनुच्छेद 142 की शक्तियों का प्रयोग सार्वजनिक नीति के मूल सिद्धांतों के आधार पर किया जाना चाहिए।

शीर्ष अदालत का फैसला हिंदू विवाह अधिनियम के तहत निर्धारित अनिवार्य अवधि की प्रतीक्षा करने के लिए पारिवारिक अदालतों के संदर्भ के बिना सहमति पक्षों के बीच विवाह को भंग करने के लिए अदालत की पूर्ण शक्तियों के उपयोग के संबंध में याचिकाओं की सुनवाई करते हुए आया है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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