अलकायदा-तालिबान गठजोड़ भारतीय हितों के खिलाफ
भारतीय अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि अयमान अल-जवाहिरी का मारा जाना भारत में अलकायदा समर्थकों और सहयोगियों के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।
![]() अलकायदा-तालिबान गठजोड़ भारतीय हितों के खिलाफ |
हालांकि, उन्होंने तालिबान द्वारा जवाहिरी को काबुल में पनाह दिए जाने पर चिंता जताई और कहा कि मुख्य रूप से भारत को निशाना बनाने वाले आतंकवादी संगठन को भी ऐसी सुविधाएं मिल सकती हैं।
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि जवाहिरी के मारे जाने से भारत में अलकायदा समर्थकों और कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ने की संभावना है।
हाल ही में वे भारत में प्रचार अभियान चला रहे थे और अल-कायदा के संगठनात्मक तंत्र के पुनर्निर्माण की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) जैसे उसके क्षेत्रीय सहयोगियों के मंसूबों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
अधिकारियों ने कहा कि तालिबान और अल-कायदा के बीच बेहद घनिष्ठ संबंधों की बात इस तथ्य से स्पष्ट होती है कि जवाहिरी काबुल के एक पॉश इलाके में रह रहा था और अल कायदा-तालिबान के बीच यह करीबी संबंध भारतीय हितों के खिलाफ है।
अधिकारियों ने कहा कि अल-कायदा को पनाह दे रहा तालिबान, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्तान स्थित संगठनों को भी इस तरह की सुविधाएं दे सकता है, जो मुख्य रूप से भारत को निशाना बनाते हैं।
इसके अलावा भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का आकलन है कि तालिबान के भीतर अंतर्कलह तेज हो सकती है, क्योंकि अल-कायदा के बहुत करीब माना जाने वाला हक्कानी नेटवर्क जवाहिरी के बारे में जानकारी अमेरिकी अधिकारियों को देने का बदला लेने की कोशिश कर सकता है।
| Tweet![]() |