डाक्टरों की कमी लेकिन पीजी की 1450 सीट खाली क्यों?
नीट-पीजी-21 में 1450 से अधिक सीटें खाली रहने पर सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल काउंसिलिंग समिति (एमसीसी) को फटकार लगाई।
![]() सुप्रीम कोर्ट |
अदालत ने कहा कि इसने न केवल उम्मीदवारों को मुश्किल में डाला है, बल्कि इससे डॉक्टरों की भी कमी होगी। एक तरफ देश में डाक्टरों की भारी कमी है और यहां लगभग डेढ़ हजार सीट खाली जा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट की मेडिकल काउंसिलिंग समिति को कड़ी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और एमसीसी को 24 घंटे में हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा है कि कितनी सीटें खाली हैं और उन पर उम्मीदवारों को प्रवेश नहीं देने का कारण बताने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एमसीसी की ओर से पेश अधिवक्ता को आज ही हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई बृहस्पतिवार तक के लिए टाल दी।
जस्टिस मुकेश कुमार शाह और अनिरुद्ध बोस की अवकाश कालीन पीठ उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिसमें अखिल भारतीय कोटे के तहत आयोजित ‘स्ट्रे काउंसलिंगग’ के बाद भी खाली रह गई 1456 सीटों को भरने के लिए विशेष ‘स्ट्रे काउंसलिंग’ कराने का अनुरोध किया गया है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि अगर एक भी खाली सीट बचती है तो उसे खाली नहीं जाने दिया जाना चाहिए। प्रक्रिया को क्यों नहीं दुरुस्त किया जाता।
सीटों को खाली छोड़कर हमें क्या हासिल होता है, जबकि हमें डॉक्टरों की जरूरत है। यह न केवल उम्मीदवारों के लिए समस्या उत्पन्न करता है, बल्कि यह भ्रष्टाचार को भी प्रोत्साहित करता है।
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