कश्मीर में घुसपैठ के लिए खास ऐप का इस्तेमाल कर रहे आतंकी

Last Updated 25 Nov 2021 05:57:04 AM IST

पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई की की मदद से आतंकी जम्मू कश्मीर में ऐप के ज़रिए घुसपैठ की कोशिश में लगा है।


कश्मीर में घुसपैठ के लिए खास ऐप का इस्तेमाल कर रहे आतंकी

लिहाजा जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ वक्त से सुरक्षाबलों ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया है। अब आतंकियों के सफाये पर तो जोर दिया ही जा रहा है, इसके अलावा उन ओवर ग्राउंड वर्कर्स को भी पकड़ा जा रहा है जो घाटी में रहकर इन आतंकियों की मदद कर रहे हैं। अब उन्हीं ओवर ग्राउंड वर्कर्स ने एनआईए के सामने बड़े खुलासे कर दिए हैं।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि आतंकी जम्मू-कश्मीर में घुसने के नए तरीके तलाश रहे हैं। इस काम को भी मोबाइल ऐप्स की मदद से किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया है कि आतंकी अपने फोन में ऐसे ऐप रखते हैं जिसके जरिए उन्हें लगातार अलग-अलग रास्ते बताए जाते हैं, वो रास्ते जहां पर सुरक्षाबलों का पहरा कम है। वहीं उन्हीं आतंकियों को घुसपैठ करवाने की जिम्मेदारी ये ओवर ग्राउंड वर्कर ले लेते हैं।  एनआईए सूत्रों के मुताबिक अब गिरफ्तार किए गए 27 ओवर ग्राउंड वर्कर या आतंकियों ने 5 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ के नए रूट के बारे में जानकारी दी है।

घुसपैठ के रास्तों का इस्तेमाल अब तक आतंकी करते रहे हैं वह रास्ते कुछ इस प्रकार हैं- रूट नंबर एक, नाली (पीओके) से महादेव गैप, महादेव गैप से मजोत, मजोत से डुंडेसर वन, वहां से कलाकोट फिर जम्मू-कश्मीर। रूट नंबर दो : कोटकोटेरा (पीओके) से ब्राल गली, वहां से बागला, फिर कलाकोट से जम्मू-कश्मीर। रूट नंबर तीन : निकेल (पीओके) से कोंगा गली, वहां से दादोट होते हुए मनजोत से जम्मू-कश्मीर। रूट  नंबर चार : कश्मीर के रास्ते बंताल गांव (पीओके) से कास नाला। रूट  नंबर पांच : गोई (पीओके) से सोन गली, वहां से नंदेरी, फिर गुरसैन सूरनकोट से जम्मू-कश्मीर।
सूत्रों ने बताया कि जिन ऐप्स का इस्तेमाल ये आतंकी कर रहे थे उनमें रास्तों की जानकारी और नेविगेशन सिस्टम पहले से ही अपलोड रहते हैं। आतंकी इस ऐप के जरिये नेविगेशन का इस्तेमाल कर जम्मू कश्मीर में सेना को चकमा देकर घुसपैठ कर जाते हैं लेकिन अब क्योंकि सीधे ओवर ग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया जा रहा है, ऐसे में कई बड़े खुलासे होने भी शुरू हो गए हैं। ओवर ग्राउंड वर्कर्स को पकड़ने का सिलसिला भी तब शुरू हुआ जब अक्टूबर के महीने में आतंकी घटनाएं काफी ज्यादा बढ़ गई थीं। तब एक हाई लेवल मीटिंग में फैसला हुआ था कि ओवर ग्राउंड वर्कर्स को पकड़ने की जरूरत है।
बालाकोट में हुए इंडियन एयर फोर्स के एयर स्ट्राइक के दौरान भी जैश ए मोहम्मद के बालाकोट के कैंप में ऐसे कंट्रोल रूम की जानकारी आई थी, जिसमें ये खुलासा हुआ था कि आतंकियो को घुसपैठ के लिए ऐप के जरिए मदद की जा रही है। जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बल लगातार ऑपरेशन कर उनके सफाई में लगे हुए हैं।

कुणाल/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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