ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से की मुलाकात
दिल्ली दौरे पर आई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और राज्य में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र में विस्तार के मुद्दे को उठाते हुए इसे वापस लेने की मांग की।
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वहीं भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी से ममता बनर्जी की मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में गर्मी बढ़ा दी। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में बनर्जी ने कहा कि उन्होंने अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले वैश्विक उद्योग सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने त्रिपुरा मेंंिहंसा का मुद्दा भी उठाया, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर हमले किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, यदि अखिलेश यादव को हमारी मदद की जरूरत होगी तो हम उन्हें मदद करने को तैयार हैं।
बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री के अलावा उन्होंने किसी अन्य नेता से मिलने का समय नहीं मांगा था क्योंकि उन्हें पता है कि सभी पंजाब चुनावों में व्यस्त होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जब 30 नवम्बर को दो दिवसीय दौरे पर महाराष्ट्र जाएंगी तब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करेंगी।
सुब्रमण्यम स्वामी ममता बनर्जी से मिले : भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ममता बनर्जी से मुलाकात की। सुश्री बनर्जी से मुलाकात के बाद स्वामी ने कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल के राजनीतिक परिदृश्य के बारे में चर्चा की। दोनों नेताओं ने बैठक के बाद इसकी तस्वीरें भी साझा कीं।
भाजपा नेता से जब यह पूछा गया कि क्या वह टीएमसी में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा, मैं पहले ही उनके साथ हूं।
पीएम को ममता का आमंत्रण
कोलकाता (भाषा)। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले वैश्विक व्यापार सम्मेलन के उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिये गये आमंत्रण पर बुधवार को कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया।
कांग्रेस ने दावा किया कि दोनों दलों (भाजपा-तृणमूल) के बीच ‘आपसी समझ’ अब जगजाहिर है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल और ममता बनर्जी विपक्षी एकता और कांग्रेस को नष्ट करने के मिशन पर भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
तृणमूल ने पलटवार करते हुए कहा कि एक व्यापार सम्मेलन के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित करना गलत नहीं हो सकता है।
साथ ही उसने कांग्रेस पर भाजपा के खिलाफ लड़ने में विफल रहने और खुद आत्मसमर्पण कर देने का आरोप लगाया।
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