भारी तनाव से गुजरे 31 फीसद किशोर

Last Updated 25 Oct 2020 03:46:15 AM IST

कोरोना महामारी से अपने परिवार की वित्तीय स्थिति प्रभावित होने को लेकर बीते कुछ महीनों में लगभग 31 फीसद किशोरों ने भारी तनाव का सामना किया।


भारी तनाव से गुजरे 31 फीसद किशोर

झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार और ओडिशा के 7300 से अधिक किशोरों पर किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
गैर सरकारी संगठन ‘सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज’ द्वारा अप्रैल जुलाई और अगस्त में दो चरणों में किए गए इस सर्वेक्षण का शीषर्क ‘किशोरों का क्या कहना है? कोविड-19 और इसके प्रभाव’ था। सर्वेक्षण में कहा गया है 7,324 किशोरों में से 31 फीसद ने स्वीकार किया है कि वे अपने परिवार की वित्तीय स्थिति पर महामारी के प्रभाव को लेकर भारी तनाव का सामना कर रहे हैं। सर्वे में पता चला है कि इन महीनों के दौरान महामारी के चलते किशोरियों को भारी लैंगिक भेदभाव का सामना करना पड़ा। सर्वेक्षण के अनुसार, ‘जिन किशोरियों को सर्वेक्षण में शामिल किया गया, उनमें केवल 12 फीसद के पास ही ऑनलाइन कक्षाओं के लिए खुद का मोबाइल फोन था जबकि उनके मुकाबले ऐसे किशोरों की संख्या 35 फीसद थी।’ सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘इसके अलावा, सर्वेक्षण में शामिल 51 फीसद किशोरियों के पास जरूरी पुस्तकों का अभाव था। इससे पता चलता है कि महामारी ने किस तरह लड़कियों की शिक्षा को प्रभावित किया।’ सर्वेक्षण के अनुसार 39 फीसद लड़कियों ने घरेलू कामकाज में हाथ बंटाया जबकि ऐसे लड़कों की संख्या 35 फीसद रही।

इसके अलावा सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि इस दौरान लड़कियों के बाहर आने-जाने में भी कमी आई। इस दौरान केवल 39 फीसद लड़कियों को अकेले घर से बाहर निकलने की अनुमति दी गई जबकि उनके मुकाबले लड़कों की संख्या 62 फीसद रही।
सर्वे के अनुसार इस दौरान केवल 36 फीसद किशोरों को हेल्पलाइन नंबरों के बारे में सही जानकारी थी जबकि इन हेल्पलाइनों को इस्तेमाल करने को लेकर उनमें जागरूकता की कमी थी। केवल 18 फीसद को ही पता था कि घरेलू हिंसा की जानकारी देने के लिए हेल्पलाइन नंबरों का इस्तेमाल किया जा सकता है। केवल 22 से 23 फीसद ही यह जानते थे कि बाल श्रम और बच्चों की तस्करी की जानकारी देने के लिए भी इन हेल्पलाइन नंबरों का इस्तेमाल किया जा सकता है।’

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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