लद्दाख में गरजे प्रधानमंत्री मोदी, बोले- वीरता शांति की पूर्व शर्त होती है

Last Updated 03 Jul 2020 04:38:01 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान सेना के जवानों की असाधारण वीरता की सराहना करते हुए आज कहा कि सेना ने दुनिया को भारत की ताकत का संदेश दिया है और साथ ही देशवासियों को भी देश की रक्षा का विश्वास दिलाया है।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी क्षेत्र में गत 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बाद जवानों की हौसला अफजायी के लिए आज सुबह लद्दाख पहुंचे मोदी ने नीमू में सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और वायु सेना के रणबांकुरों को संबोधित करते हुए कहा कि सेना ने अपनी वीरता से पूरी दुनिया को भारत की ताकत का संदेश दिया है।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर एक कविता की कुछ पंक्तियों का हवाला दिया। उन्होंने कहा, “मैं आज अपनी वाणी से आपकी जय और अभिनंदन करता हूं।”

गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की बहादुरी को पराक्रम की पराकाष्ठा करार देते हुए उन्होंने कहा, “सेना के जवानों के पराक्रम से धरती अब भी जयकार कर रही है। देशवासियों का सिर आदर और सम्मान के साथ आपका नमन करता है और उन्हें आप पर गर्व भी है।”

उन्होंने गलवान में शहीद हुए जवानों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि भी दी।

चीन को परोक्ष रूप से संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि शांति के प्रति हमारी वचनबद्धता को हमारी कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास के लिए शांति और मित्रता का हर कोई पक्षधर है लेकिन यह भी सत्य है कि निर्बल शांति नहीं ला सकता।

उन्होंने कहा, “वीरता शांति की पूर्व शर्त होती है।”

इसे देखते हुए भारत ने नभ, जल, थल और अंतरिक्ष में अपनी ताकत को बढ़ाया है और इसका उद्देश्य मानवता का कल्याण ही है।

उन्होंने कहा कि दुनिया ने भारत के पराक्रम और शांति दोनों प्रयासों को देखा है।

वार्ता
नई दिल्ली


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