आरक्षण को 8वीं अनुसूची में डालने की मांग कर रहे एसी-एसटी विधायकों से भाजपा करेगी संपर्क

Last Updated 13 Jun 2020 04:22:09 PM IST

उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण को लेकर की गई टिप्पणी के बाद एक बार फिर आरक्षण का मुद्दा तूल पकड़ने लगा है।


राजनीतिक पार्टियों ने इस मुद्दे को हवा देना भी शुरू कर दिया है। मौके की संजीदगी को देखते हुए भाजपा नेतृत्व और सरकार सजग हो गई है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है।

भाजपा जहां एक ओर आरक्षण के प्रति अपने समर्थन को रेखांकित कर रही है, वही इस मुद्दे पर उसने पार्टी नेताओं को सचेत भी कर दिया है। भाजपा हाईकमान ने पार्टी के सभी 77 एससी, एसटी सांसदों और विधायको कों इस मुद्दे पर विश्वास में लेना शुरू कर दिया है। पार्टी के एससी और एसटी मोर्चा को इस काम में लगाया गया है और पार्टी और केंद्र सरकार के रुख की जानकारी देने को कहा गया है। साथ ही दोनों मोर्चे को इस मुद्दे पर सोशल मीडिया और लोगों में जन जागरण के लिए भी कहा गया है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता और अनुसूचित जाति जनजाती आयोग के पूर्व अध्यक्ष विजय सोनकर शास्त्री कहते हैं, इस मुद्दे पर पार्टी का रुख एक दम साफ है। हम सामाजिक न्याय के साथ हैं। कुछ लोग आरक्षण को गंभीरता से नहीं लेते। वैसे लोगों को आरक्षण को समझने के लिए बाबा साहब अंबेडकर को समझना होगा। भाजपा तब तक आरक्षण के पक्ष में है, जब तक समाज में सामाजिक बराबरी नहीं आ जाती है। ऐसे में हम भाजपा के रुख से समाज को बताएंगे, साथ ही यह भी बताएंगे कि जो लोग आरक्षण को लेकर टिप्पणी कर रहे हैं, वह ठीक नहीं है।

अदालत की टिप्पणी आते ही बिहार में राजनीतिक तेज हो गई है। आरक्षण बचाओ के नाम पर बनी अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चा से राजद अलग हो गया है। राजद ने आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी ओर आरक्षण बचाओ मोर्चा ने देशभर के सभी 1082 अनुसूचित जाति, जनजाति विधायकों की दिल्ली में एक बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। ये विधायक आरक्षण को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं। समय रहते भाजपा ने देश भर के सभी एससी, एसटी विधायकों और सांसदों को विश्वास में लेने का मन बनाया है।

इधर राजग की सहयोगी पार्टी लोजपा और उनके नेता केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान भी इस मुद्दे पर सक्रिय हो गए हैं। लोजपा इस मुद्दे पर सभी दलों को साथ आने को कह रही है और आरक्षण से जुड़े सभी कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने की मांग कर दी है।





 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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