राहुल गांधी बोले- भारत में लॉकडाउन फेल, मोदी सरकार बताए आगे की रणनीति
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर मंगलवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी |
राहुल गांधी ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना को नियंत्रित करने के लिए देश से 21 दिन का समय मांगा था लेकिन अब लॉकडाउन को दो महीने होने जा रहे हैं और महामारी घटने की बजाय तेजी से बढ़ रही है जिससे साबित होता है कि भारत में लॉकडाउन असफल रहा है।
राहुल गांधी ने कहा, "मोदी 21 दिन में कोरोना को रोकने में असफल रहे और फिर इसे तीन बार बढ़ाया गया। अब लॉकडाउन को 60 दिन होने वाले हैं लेकिन स्थिति सुधरने की बजाय बहुत ज्यादा बिगड़ गई है। सरकार के पास कोरोना से लड़ने के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं है इसलिए इसे नियंत्रित करने में हम असफल हो रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने के दुनिया के अनुभव को देखें तो भारत ही एक मात्र देश है जहां इसके तेजी से फैलने के बीच लॉकडाउन को खोला जा रहा है।
उन्होंने कहा, "लॉकडाउन का लक्ष्य हासिल नहीं हुआ है। इस बारे में पहली रणनीति फेल हुई है लेकिन सरकार को बताना चाहिए कि वह अब लॉकडाउन किस तरह से हटाएगी और कारोबारियों और आम लोगों का हित किस तरह से साधा जाएगा।"
राहुल गांधी ने कहा कि मोदी को यह स्वीकार करना चाहिए कि कोरोना को रोकने के लिए उन्होंने जो पहला कदम उठाया था उसमें वह फेल हुए हैं और अब वह क्या कर रहे हैं इसके बारे में भी उन्हें बताना चाहिए। पहले वह फ्रंट फुट पर आकर इस लड़ाई से लड़ रहे थे लेकिन अब वह बैक फुट पर आ गए हैं। उन्हें आगे आकर बताना चाहिए कि कोरोना से लड़ने की उनकी अगली रणनीति क्या है।
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री और उनके शीर्ष मेडिकल से जुड़े लोगों (विशेषज्ञों) सहित पूरे सलाहकार स्टाफ ने कहा कि मई में बीमारी कम होने लगेगी, जबकि मामले कम नहीं हो रहे हैं। संख्या और अधिक बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, "विफल लॉकडाउन का परिणाम सभी के सामने है। हम कांग्रेस में यह समझना चाहते हैं कि आगे बढ़ने के लिए सरकार का दृष्टिकोण और रणनीति क्या है?"
राहुल ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री और सरकार से पूछना चाहता हूं कि अब लॉकडाउन विफल रहा है, ऐसे में आगे बढ़ने और भारत को पुन: खोलने के संबंध में रणनीति क्या है?"
उन्होंने सरकार से यह भी प्रश्न किया कि इस बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए वह क्या सावधानियां बरतने जा रही है और केंद्र कैसे प्रवासियों, राज्य सरकारों, एमएसएमई का समर्थन करने की सोच रहा है।
केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा, "हमें बहुत उम्मीदें हैं, आर्थिक पैकेज के बारे में कई प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक पैकेज जीडीपी का 10 प्रतिशत है, जबकि वास्तविकता में यह जीडीपी का एक प्रतिशत है और शायद ही कोई नकद राशि लोगों को दी जा रही है।"
राहुल गांधी ने कहा, "प्रत्यक्ष रूप से हम (राज्यों में कांग्रेस पार्टी की सरकारें) किसानों, मजदूरों को नकदी दे रहे हैं, लेकिन हमें केंद्र सरकार से कोई समर्थन नहीं मिल रहा है। हमारे राज्यों के लिए केंद्र सरकार से पर्याप्त समर्थन के बिना काम करना बेहद मुश्किल हो रहा है।"
पिछले 60 दिनों से कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच राहुल का यह मीडिया के साथ चौथा संवाद था। इससे पहले वह दो बार राष्ट्रीय मीडिया और एक बार क्षेत्रीय मीडिया से रूबरू हुए थे।
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