Coronavirus संदिग्ध चीनी नागरिक बना भारतीय अस्पताल का मुरीद

Last Updated 14 Feb 2020 11:52:36 AM IST

आइसोलेशन वार्ड अपने आप में एक चुनौती है जहां भर्ती रोगी से कोई सामान्य व्यक्ति मुलाकात नहीं कर सकता। भारत के ऐसे ही एक आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोनावायरस के संदिग्ध चीनी रोगी ने भारतीय आइसोलेशन वार्ड की प्रशंसा की है।


चीन के नागरिक का कहना है, "वैसे तो यह एक आइसोलेशन वार्ड है जहां बिल्कुल अलग-थलग रहना होता है, लेकिन मुझे कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि मैं एक आइसोलेशन वार्ड में रह रहा हूं।"

भारत घूमने आए चीन के एक नागरिक को कोरोना वायरस संक्रमण के संदेह में पुणे के नायडू अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चीनी नागरिक ने 11 फरवरी को पत्र लिखा। अस्पताल में भर्ती चीनी नागरिक ने एक पत्र के जरिये अपने मित्रजनों व उपचार कर रहे डॉक्टरों को अपने भय और अस्पताल में मिले उपचार के बारे में बताया है। चीन के इस नागरिक को भारत के अस्पतालों में मिलने वाली सुविधाओं व भाषाई अंतर के प्रति काफी डर था।

हालांकि कोरोना वायरस को लेकर भारतीय डॉक्टरों की सजगता व उपचार देखकर बीमार चीनी नागरिक हिंदुस्तानी स्वास्थ्य सेवा का कायल हो गया।

चीन के इस बीमार नागरिक ने अपने पत्र में कहा, "यह बिल्कुल अचानक हुआ जब मुझे यहां भारत के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। अस्पताल में भर्ती होने के बाद शुरुआती दौर में मैं काफी डरा हुआ था। मेरा यह डर भारत के अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं और भाषा की समस्या को लेकर था।"

चीन के इस नागरिक ने इंग्लिश और चीनी भाषा में पुणे के नायडू हॉस्पिटल स्थित डॉक्टरों को एक पत्र दिया है। इस पत्र में मुख्यत: अस्पताल में मिली सुविधाओं व उपचार की जानकारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन के इस नागरिक का यह पत्र ट्विटर के माध्यम से साझा किया किया है।

चीनी शख्स ने कहा, "अस्पताल में बेहद डरा हुआ था लेकिन इस खास समय पर चीन से आए लोगों के प्रति हर किसी का रवैया बहुत मददगार रहा।"

कोरोनावायरस के संदेह के चलते चीन के इस नागरिक को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है जहां किसी को जाने की अनुमति नहीं है। उपचार कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक, रोगी में अभी कोरोनावायरस की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि कुछ लक्षण जरूर देखे गए हैं।

शुरूआती दौर के अपने भय पर काबू पाते हुए चीनी नागरिक ने कहा, "यहां अस्पताल में हर चीज व सुविधा काफी सुव्यवस्थित थी। चाहे वह बाहर से कोई भोजन खरीदना हो, साफ सफाई हो या नर्सों की देखरेख हो.यहां अस्पताल के अंदर यह सभी सेवाएं अच्छी तरह से व्यवस्थित थी।"

आईएएनएस
नयी दिल्ली


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