इंदिरा जयसिंह की सलाह पर भड़कीं निर्भया की मां, बोलीं- ऐसे लोगों की वजह से नहीं रुक रहे रेप

Last Updated 18 Jan 2020 03:32:16 PM IST

वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह की ओर से माफी देने की सलाह पर निर्भया की मां ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें इस तरह का सुझाव देने वाली वह कौन होती हैं।


निर्भया की मां आशा देवी

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, "मुझे इस तरह का सुझाव देने वाली वह होती कौन हैं? पूरा देश चाहता है कि दोषियों को फांसी हो। उनके जैसे लोगों की वजह से ही रेप पीड़िताओं के साथ इंसाफ नहीं हो पाता है।"

उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास नहीं होता कि इस तरह की सलाह देने की उनकी हिम्मत कैसे हुई। बीते सालों में मैं उनसे सुप्रीम कोर्ट में कई बार मिली, लेकिन एक बार भी उन्होंने मेरा हाल-चाल तक नहीं पूछा। आज वो दोषियों के हक में बोल रही हैं।"

निर्भया की मां ने कहा कि ऐसे लोग रेपिस्टों का समर्थन करके अपनी आजीविका कमाते हैं। इसी के चलते रेप की घटनाएं रुक नहीं रही हैं।

इससे पहले जयसिंह ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा था कि वह निर्भया की मां की पीड़ा को पूरी तरह से समझती हैं लेकिन वह उनसे ‘‘सोनिया गांधी की तरह का उदाहरण पेश करने का आग्रह करती हैं जिन्होंने नलिनी को माफ कर दिया था और कहा था कि वह उसके लिए फांसी की सजा नहीं चाहतीं।’’      

जयसिंह ने कहा, ‘‘हम आपके साथ हैं लेकिन मौत की सजा के खिलाफ हैं।’’     

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में नलिनी श्रीहरण को फांसी की सजा सुनायी गई थी। सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया गया था। सोनिया गांधी ने इस आधार पर दया का आग्रह किया था कि उसकी एक पुत्री है जिसका जन्म जेल में हुआ था।     

उल्लेखनीय है कि निर्भया के चारों दोषियों को सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दिया जाना तय किया गया है।

शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया मामले में चार दोषियों विनय शर्मा (26), मुकेश कुमार (32), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन (25) के खिलाफ एक फरवरी के लिए फिर से ‘मृत्यु वारंट’ जारी किया।     

इससे पहले दिन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुकेश की दया अर्जी खारिज कर दी थी। अन्य तीन ने अभी तक दया अर्जी दायर नहीं की है।      

सुप्रीम कोर्ट ने गत 14 जनवरी को विनय और मुकेश की फांसी की सजा के खिलाफ दायर सुधारात्मक याचिकाएं खारिज कर दी थी। दो अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की हैं। 

समयलाइव डेस्क/भाषा
नयी दिल्ली


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