दिल्ली में वायु गुणवत्ता फिर ‘गंभीर’ श्रेणी में

Last Updated 12 Nov 2019 03:51:33 PM IST

दिल्ली की वायु गुणवत्ता कुछ दिन बेहतर रहने के बाद मंगलवार सुबह एक बार फिर पड़ोसी राज्यों में जल रही पराली के कारण ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई।


(फाइल फोटो)

मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 11.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।     

मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सर्दियों के आगाज के साथ ही, न्यूनतम तापमान में गिरावट से हवा में ठंडक बढ गई है और भारीपन आ गया है जिससे प्रदूषक तत्व जमीन के निकट जमा हो रहे हैं।     

दिल्ली में दोपहर साढे बारह बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 417 रहा। सोमवार शाम चार बजे यह 360 था।     

पीएम 2.5 का स्तर 292 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। वहीं पीएम 10 का स्तर बढ़कर 436 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंच गया।     

अधिकतर 37 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा।     

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बवाना में 445, आनंद विहार में 442 और द्वारका सेक्टर 8 में 442 रहा।     

वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के नोएडा में एक्यूआई 436 जबकि गाजियाबाद में एक्यूआई 445 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद में एक्यूआई क्रमश: 436, 365 और 404 रहा।     

गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर और आपात’ माना जाता है।     

विशेषज्ञों ने बताया कि प्रदूषण के स्तर में वृद्धि को हवा की गति में गिरावट आ सकती है।     

उन्होंने कहा कि पराली जलाए जाने से निकलने वाले धुएं के बढ़ने की आशंका है जिससे दिल्ली में अगले दो दिनों में हवा की गति में गिरावट आ सकती है।     

सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी सेवा ‘सफर’ के अनुसार शहर में 25 प्रतिशत प्रदूषण पराली के जलने की वजह से है। 

भाषा
नयी दिल्ली


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