महाराष्ट्र में सरकार को लेकर राकांपा से बात करेंगे : कांग्रेस

Last Updated 11 Nov 2019 09:01:41 PM IST

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिये शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस ने सोमवार को फैसला किया कि वह अपनी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से और बातचीत करेगी।


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी

शिवसेना जहां एक ओर महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए तैयार बैठी दिखाई दे रही है, वहीं कांग्रेस पार्टी शिवसेना को समर्थन देने जा रही है या नहीं, इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।

पूरे दिनभर इस बाबत कांग्रेस की कई बैठके हुई हैं। पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि वह अपनी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से इस बाबत और चर्चा करेगी। राकांपा राज्य में शिवसेना का समर्थन करने के लिए इच्छुक है।

सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद पार्टी ने बयान जारी कर कहा, "महाराष्ट्र की स्थिति पर विस्तृत चर्चा करने के लिए कांग्रेस वर्किं ग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक आज सुबह (सोमवार को) हुई, जिसके बाद महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं के साथ एक परामर्श आयोजित किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष (सोनिया गांधी) ने शरद पवार से बात की है। पार्टी राकांपा के साथ आगे की चर्चा करेगी।"

इससे पहले, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सरकार को समर्थन देने के बारे में सोनिया गांधी से फोन पर बात की थी।

कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष ने शरद पवारजी से बात की है। पार्टी राकांपा से और चर्चा करेगी।’’    

महाराष्ट्र में शिवसेना का समर्थन करना है या नहीं, इस पर राकांपा से और बात करेगी कांग्रेस। महाराष्ट्र में शिवसेना को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने से पहले कांग्रेस पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से बात करेगी।    

दो महत्वपूर्ण बैठकों के बाद पार्टी के सर्वोच्च नेताओं ने इस बात को तरजीह दी कि राज्य में मौजूदा सियासी गतिरोध को देखते हुए राकांपा से विस्तृत चर्चा की जाए।          

बयान में कहा गया, ‘‘कांग्रेस कार्य समिति की आज सुबह महाराष्ट्र की मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई जिसके बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया गया।’’         

सोनिया गांधी के साथ टेलीफोन पर बातचीत में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनसे सरकार बनाने के लिये कांग्रेस का समर्थन मांगा।          

प्रदेश की 288 सदस्यीय विधानसभआ में भाजपा (105) के बाद शिवसेना (56) दूसरा सबसे बड़ा दल है।   

       

भाजपा और शिवसेना के बीच गतिरोध के मद्देनजर कांग्रेस के 44 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 54 विधायकों की भूमिका सरकार गठन में बेहद महत्वपूर्ण हो गई है।

आईएएनएस
नयी दिल्ली


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