खबरों-सोशल मीडिया पर अभियान से जज खफा

Last Updated 16 Oct 2019 04:42:32 AM IST

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों की व्याख्या के लिए गठित संविधान पीठ से उन्हें हटाने के लिए सोशल मीडिया और खबरों में चलाए जा रहे अभियान पर मंगलवार को नाराजगी व्यक्त की।


उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा (file photo)

उन्होंने कहा कि यह किसी न्यायाधीश विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि संस्थान की छवि धूमिल करने का प्रयास है।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों की व्याख्या के लिए गठित पांच सदस्यीय संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं। किसानों के संगठन सहित कुछ पक्षकारों ने न्यायिक नैतिकता के आधार पर न्यायमूर्ति मिश्रा से सुनवाई से हटने का अनुरोध करते हुए कहा है कि संविधान पीठ उस फैसले के सही होने के सवाल पर विचार कर रही है, जिसके लेखक वह खुद हैं।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल छह मार्च को कहा था कि समान सदस्यों वाली उसकी दो अलग-अलग पीठ के भूमि अधिग्रहण से संबंधित दो अलग-अलग फैसलों के सही होने के सवाल पर वृहद पीठ विचार करेगी।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने मंगलवार को इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान कहा, ‘यदि इस संस्थान की ईमानदारी दांव पर होगी तो मैं त्याग करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा। मैं पूर्वाग्रही नहीं हूं और इस धरती पर किसी भी चीज से प्रभावित नहीं होता हूं।

भाषा
नई दिल्ली


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