चंद्रयान 2 मिशन: ऑरबिटर से सफलतापूर्वक अलग किया गया लैंडर 'विक्रम'

Last Updated 02 Sep 2019 03:19:02 PM IST

चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर सोमवार को सफलतापूर्वक ऑर्बिटर से अलग हो गया और इसके साथ ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने की यात्रा में चंद्रयान-2 के हिस्से में एक और सफलता जुड़ गई है।


चंद्रयान 2: ऑरबिटर से अलग हुआ लैंडर 'विक्रम' (फाइल फोटो)

चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से ‘विक्रम’ लैंडर को सफलतापूर्वक अलग कर दिया जो सात सितंबर को चांद की सतह पर उतरेगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि यह प्रक्रिया अपराह्न 12 बजकर 45 मिनट पर शुरू हुई और एक बजकर 15 मिनट पर ऑर्बिटर से ‘विक्रम’ अलग हो गया।      
इसरो के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ जी हां, यह सफलतापूर्वक अलग हो गया।’’      

लैंडर अब सात सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में रात एक बजकर 55 मिनट पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा। लैंडर के चांद की सतह पर उतरने के बाद इसके भीतर से ‘प्रज्ञान’ नाम का रोवर बाहर निकलेगा और अपने छह पहियों पर चलकर चांद की सतह पर अपने वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा।      

इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्र मिशन-2 का सबसे जटिल चरण है।    

यदि सबकुछ ठीक रहता है तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इसके साथ ही अंतरिक्ष इतिहास में भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।     

‘लैंडर’ का नाम भारत के अंतरिक्ष मिशन के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर ‘विक्रम’ रखा गया है।
 

भाषा
बेंगलूरू


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