चंद्रमा की पांचवीं परिक्रमा पूरी, आज आर्बिटर से अलग होगा लैंडर विक्रम

Last Updated 02 Sep 2019 10:21:03 AM IST

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि ‘चंद्रयान 2’ ने रविवार को चंद्रमा की पांचवी और अंतिम कक्षा में प्रवेश कर लिया और अब यह चांद से महज चंद कदमों की दूरी पर अपने लक्ष्य से केवल छह दिन दूर है।


चंद्रयान 2 (फाइल फोटो)

इसरो ने ट्वीट कर कहा, चंद्रयान 2 ने पांचवी और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया।



इसरो ने आधिकारिक वेबसाइट पर कहा, प्रणोदन पण्राली का प्रयोग करते हुए अंतरिक्षयान चंद्रयान-2 को चंद्रमा की पांचवी और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कराने की प्रक्रिया को छह बज कर 21 मिनट शुरू किया गया। इस प्रक्रिया के पूरा होने में करीब 52 सेकंड का समय लगा।

उन्होंने कहा, इसकी  सभी गतिविधियां सामान्य है। अगली प्रक्रिया कल होगी जब चंद्रयान 2 से लैंडर‘विक्रम’ऑर्बिटर से अलग होगा। यह प्रक्रिया दोपहर बाद 12 बज कर 45 मिनट और एक बजकर 45 मिनट के बीच होगी। 7 सितंबर को अंतरिक्ष यान चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेा में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा।

उल्लेखनीय है कि चंद्रयान 2 को चेन्नई के श्रीहरिकोटा अन्तरिक्ष प्रक्षेपण केन्द्र से 22 जुलाई को लांच किया गया था। तिरंगे को लेकर जा रहा चंद्रयान-2 चंद्रमा के ‘दक्षिणी ध्रुव’ पर उतरने वाला दुनिया का पहला मिशन होगा।

इस मिशन में चंद्रयान-2 के साथ कुल 13 स्वदेशी पे-लोड यान वैज्ञानिक उपकरण भेजे गए हैं। इनमें तरह-तरह के कैमरा, स्पेक्ट्रोमीटर, राडार, प्रोब और सिस्मोमीटर शामिल हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक पैसिव पेलोड भी इस मिशन का हिस्सा है जिसका उद्देश्य पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की सटीक दूरी का पता लगाना है।

इस अभियान पर लगभग 1,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह अन्य देशों  द्वारा चलाये गये अभियान की तुलना में काफी कम है। यदि यह अभियान सफल रहता है तो भारत, रूस, अमेरिका और चीन  के बाद चांद की सतह पर रोवर को उतारने वाला चौथा देश बना जायेगा। इस वर्ष  की शुरुआत में इजरायल का चंद्रमा पर उतरने का प्रयास विफल रहा था।

वार्ता
चेन्नई


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