लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद ने सेना के उपप्रमुख का पदभार संभाला
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने रविवार को सेना के उपप्रमुख का पदभार संभाला।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने |
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जब वर्तमान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर को सेवानिवृत होंगे तब लेफ्टनेंट नरवाने सेना प्रमुख के पद की दौड़ में होंगे क्योंकि वह वरिष्ठतम कमांडर होंगे।
लेफ्टिनेंट नरवाने लेफ्टिनेंटर जनरल डी अंबू की जगह लेंगे जो शनिवार को सेवानिवृत हो गये।
सेना के उपप्रमुख का पदभार संभालने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने सेना की पूर्वी कमान की अगुवाई कर रहे थे जो चीन के साथ लगती भारत की करीब 4000 किलोमीटर लंबी सीमा की देखभाल करती है।
उन्होंने 37 साल की अपनी सेवा के दौरान कई कमान में अपनी सेवा दी, जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद निरोधिक अभियानों में सक्रिय रहे और कई अहम जिम्मेदारियां संभाली।
वह जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स की एक बटालियन और पूर्वी मोच्रे पर इंफ्रैंटी ब्रिगेड की कमान भी संभाल चुके हैं। वह श्रीलंका में शांति मिशन दल का भी हिस्सा रह चुके हैं और वह म्यामांर में भारतीय दूतावास में तीन साल तक भारत के रक्षा अताशे रहे हैं।
वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सेना अकादमी के पूर्व छात्र हैं। उन्हें जून, 1980 में सिख लाइट इंफ्रैंट्री रेजीमेंट की सातवीं बटालियन में कमीशन मिला था।
सेना ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ उनके पास सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में काम करने लंबा अनुभव है।’’
उन्हें जम्मू कश्मीर में अपनी बटालियन की कमान प्रभावी तरीके से संभालने को लेकर सेना पदक मिल चुका है। उन्हें नगालैंड में असम राइफल्स (उत्तरी) के महानिरीक्षक के तौर पर उल्लेखनीय सेवा को लेकर ‘विशिष्ट सेवा पदक’ तथा प्रतिष्ठित स्ट्राइक कोर की कमान संभालने को लेकर ‘अतिविशिष्ट सेवा पदक’ से भी नवाजा जा चुका है। उन्हें ‘परम विशिष्ट सेवा पदक’ से भी सम्मानित किया गया है।
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