आतंकवाद के खिलाफ इंटरपोल करेगा मदद
इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने आतंकवाद के खात्मे के प्रति भारत की वचनबद्धता की सराहना करते हुए इस मुहिम में उसे पूरी तरह सहयोग करने का आश्वासन दिया है।
आजादी की 75वीं वषर्गांठ के समारोह के दौरान वर्ष 2022 में देश में इंटरपोल महासभा में श्री अमित शाह। |
स्टॉक ने शनिवार को यहां केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान कहा कि इंटरपोल आतंकवाद , संगठित अपराधों और साइबर अपराधों से निपटने पर विशेष ध्यान दे रहा है।
शाह ने बातचीत में आजादी की 75वीं वषर्गांठ के समारोह के दौरान वर्ष 2022 में देश में इंटरपोल महासभा के आयोजन का प्रस्ताव रखा। उन्होंने भारत के इंटरपोल ग्लोबल एकेडमी का क्षेत्रीय केन्द्र बनने की इच्छा जताते हुए कहा कि इसके लिए वह ढांचागत और अन्य सहयोग देने को तैयार है। गृह मंत्री ने स्टॉक को बताया कि सरकार का मादक पदाथरे की तस्करी, काला धन और धन शोधन के मामलों में बेहद सख्त रुख है।
उन्होंने इंटरपोल से भी इन अपराधों से निपटने को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की अपील करते हुए इनके लिए दीर्घावधि नीति बनाए जाने की जरूरत बताई। भारतीय एजेंसियों के इन अपराधों से निपटने के अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि ये इस मामले में इंटरपोल के साथ सहयोग के लिए तैयार हैं। गैर-कानूनी गतिविधि अधिनियम में संशोधन का भी उन्होंने उल्लेख किया।
शाह ने विभिन्न अपराधों में रेड नोटिस जारी करने में देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें तेजी आने से आर्थिक भगोड़ों और आतंकवादियों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी। स्टॉक ने कहा कि इंटरपोल के डाटाबेस में 10 करोड़ डाटा हैं और वह दुनिया भर की जांच एजेंसियों को निरंतर सहयोग करता है। उन्होंने भारतीय एजेंसियों से इस डाटा का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया।
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