अब हर इमरजेंसी के लिए एक ही नंबर ‘112’, इन राज्यों में शुरू हुई सेवा

Last Updated 19 Feb 2019 01:17:16 PM IST

देश में हर इमरजेंसी के लिए आज से एक ही नंबर ‘112’ शुरू हो गया। मौजूदा पुलिस सहायता नंबर ‘100’ को इससे जोड़ दिया गया है जबकि पहले से इस्तेमाल किये जा रहे अन्य नंबरों को जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है।


केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में रिमोट का बटन दबाकर ‘112’ नंबर की शुरुआत की और ‘112 ऐप’ लांच किया। कुल 17 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में यह नंबर आज से शुरू हो गया है जबकि अन्य राज्यों में इसे इस साल के अंत तक शुरू करने का लक्ष्य है।

फीचर फोन पर ‘5’ या ‘9’ के बटन को ज्यादा देर के लिए दबाकर भी 112 डायल किया जा सकेगा। स्मार्टफोन पर शॉर्टकट में इसे डायल करने के लिए पावर बटन को तीन बार दबाना होगा।

कार्यक्रम में महिला सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण दो और पहल लॉन्च किये गये। मेनका गांधी ने सुरक्षित शहर क्रियान्वयन निगरानी पोर्टल और सिंह ने यौन अपराधों की जांच की स्थिति पता करने की ऑनलाइन प्रणाली लॉन्च की।

‘112 ऐप’ डाउनलोड करने के बाद उसमें 10 परिजनों/दोस्तों के नंबर जोड़े जा सकते हैं और जब कभी फोनधारक 112 डायल करेगा, इससे जुड़े सभी नंबरों को भी इसकी सूचना मिल जायेगी। ऐप जीपीएस या मोबाइल ऑपरेटर के टावर के जरिये नंबर डायल करने वाले का लोकेशन अपने-आप पता कर लेगा।

ऐप के जरिये आम लोग स्वयंसेवक के रूप में अपने-आप को पंजीकृत करा सकते हैं। जब भी कोई व्यक्ति 112 नंबर डायल करेगा तो पुलिस के साथ ही निकटस्थ स्वयंसेवक को भी एक संदेश जायेगा। इस नंबर पर की गयी पूरी बात रिकॉर्डेड होगी।

सिंह ने कहा कि इन तीनों पहलों से महिला सुरक्षा में हमारी प्रतिक्रिया तेज होगी। उन्होंने आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली ‘112’ को मील का पत्थर बताते हुये कहा कि ‘112’ नंबर कई देशों में आपात नंबर के रूप में इस्तेमाल होता है और लगभग सभी फोन में इसके शॉर्टकट पहले से मौजूद होते हैं। उन्होंने कहा कि यह परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है और जल्द ही पूरे देश में यह नंबर उपलब्ध होगा।

गृहमंत्री ने कहा कि इसकी सफलता अब इस बात पर निर्भर करती है कि 112 नंबर डायल करने के बाद पुलिस कितनी देर में पहुंचती है क्योंकि किसी भी प्रणाली को लॉन्च करने बाद उसका क्रियान्वयन भी उतना ही महत्त्वपूर्ण होता है। उन्होंने देशवासियों से इसका लाभ उठाने और स्वयंसेवक बनने की अपील की।

मेनका गांधी ने कहा कि देश में बिकने वाले हर मोबाइल फोन पर ‘112 ऐप’ होना अनिवार्य किया जाये।

गृह सचिव राजीव गौबा ने उम्मीद जतायी कि अन्य राज्य भी जल्द से जल्द ‘112’ नंबर को अपनायेंगे ताकि इस साल के अंत तक इसे पूरे देश में लागू किया जा सके।

‘इनवेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंसेज’ लॉन्च

सरकार ने पिछले साल नियमों में बदलाव कर यौन अपराधों की जांच दो महीने में पूरी करना अनिवार्य कर दिया था। इसका अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार को ‘इनवेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंसेज’ लॉन्च किया गया। इसके तहत यौन अपराधों से जुड़े सभी मामलों की प्राथमिकी और अंतिम रिपोर्ट ‘क्राइम और क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम’ (सीसीटीएनएस) पर डाली जायेगी।

सीसीटीएनएस के राज्य स्तरीय डाटा केंद्रों और राष्ट्रीय डाटा केंद्र में ये विवरण अपने-आप चले जायेंगे। इसके बाद इनका विश्लेषण आसानी से किया जा सकेगा। वरिष्ठ अधिकारी भी यौन अपराधों की जांच में देरी पर नजर रख सकेंगे। साथ ही इस दिशा में आ रही बाधा भी दूर की जा सकेगी।

सुरक्षित शहर क्रियान्वयन निगरानी (एससीआईएम) पोर्टल आठ बड़े शहरों दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद और लखनऊ के लिए है जहां मंत्रालय ने सुरक्षित शहर परियोजना शुरू की है। इन शहरों में ज्यादा अपराध वाले ‘हॉट स्पॉट’ की पहचान कर उन स्थानों पर अपराध रोकने के लिए बुनियादी ढांचा विकसित किया जाना है। आसपास बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे और ड्रोनों से भी निगरानी रखी जायेगी।

बुनियादी ढांचों की जियोटैगिंग की जायेगी। इस पोर्टल के जरिये अधिकारी सुरक्षित शहर परियोजना के क्रियान्वयन की निगरानी कर सकेंगे और आम लोग अपनी राय तथा सुझाव दे सकेंगे।

वार्ता
नयी दिल्ली


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