पुलवामा हमले के मद्देनजर छह अलगाववादियों नेताओं की सुरक्षा वापस

Last Updated 17 Feb 2019 03:56:02 PM IST

यह फैसला पुलवामा आतंकवादी हमले के मद्देनजर लिया गया है। अधिकारियों ने यहां बताया कि मीरवाइज के अलावा अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी, फजल हक कुरैशी एवं शब्बीर शाह को दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है।


मीरवाइज उमर फारूक, अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी, फजल हक कुरैशी एवं शब्बीर शाह।

इन नेताओं को दी गई सुरक्षा को किसी श्रेणी में नहीं रखा गया था, लेकिन राज्य सरकार ने कुछ आतंकवादी समूहों से उनके जीवन को खतरा होने के अंदेशे को देखते हुए केंद्र के साथ सलाह-मशविरा कर उन्हें खास सुरक्षा दी थी। आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने 1990 में उमर के पिता मीरवाइज फारूक तथा 2002 में अब्दुल गनी लोन की हत्या कर दी थी। पाकिस्तान समर्थक नेता सैयद अली शाह गिलानी एवं जेकेएलएफ के प्रमुख यासीन मलिक को कोई सुरक्षा नहीं दी गई थी।



अधिकारियों ने बताया कि आदेश के मुताबिक अलगाववादियों को दी गई सुरक्षा एवं उपलब्ध कराए गए वाहन रविवार शाम तक वापस ले लिए जाएंगे। किसी भी बहाने से उन्हें या किसी भी अलगाववादी नेता को सुरक्षा या सुरक्षाकर्मी मुहैया नहीं कराए जाएंगे। अगर सरकार ने उन्हें किसी तरह की सुविधा दी है, तो वह भी भविष्य में वापस ले ली जाएगी।  

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को श्रीनगर दौरे पर कहा था कि पाकिस्तान एवं उसकी जासूसी एजेंसी आईएसआई से निधि प्राप्त करने वाले लोगों को दी गई सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में हुए कायराना आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते हुए सिंह ने कहा था, ‘‘जम्मू-कश्मीर में कुछ ऐसे तत्व हैं, जिनके संपर्क आईएसआई एवं आतंकवादी संगठनों से हैं। उनको दी गई सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी।’’

भाषा
श्रीनगर


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