केरल: सबरीमाला में महिलाओं की एंट्री के विरोध में हड़ताल के दौरान पथराव

Last Updated 03 Jan 2019 10:02:26 AM IST

केरल के सबरीमाला मंदिर में रजस्वला उम्र की दो महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ प्रदेश में हिंदू संगठनों के बुलाये गए हड़ताल के दौरान गुरूवार को बड़े पैमाने पर पथराव, वाहनों को रोकने, हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं।


सबरीमाला कर्म समिति और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद ने 12 घंटे के इस हड़ताल का आह्वान किया है। इस हड़ताल से शुरूआती घंटों में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। सबरीमाला कर्म समिति विभिन्न विभिन्न हिंदू संगठनों का संघ है।     

पुलिस ने बताया कि पंडालम में पथराव में गंभीर रूप से घायल हुए 55 साल के एक व्यक्ति की बुधवार की रात मौत हो गयी।      

केरल राज्य पथ परिवहन निगम की बसें कई जिलों में सड़कों पर नहीं उतरीं। बुधवार को मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध करने वालों ने बसों पर भी पथराव किया था।     

प्रदेश में चलने वाली आटोरिक्शा भी कम ही सड़कों पर दिखी और इससे लोगों को यातायात में परेशानियों का सामना करना पड़ा।        

पूरे प्रदेश में महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों समेत बडी संख्या यात्री बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर फंसे हुए हैं।     

क्षेत्रीय कैंसर सेंटर में इलाज कराने वायनाड से यहां आयी 64 वर्षीय महिला पथुम्मा आज सुबह रेलवे स्टेशन पर गिर गयीं और उनका निधन हो गया। इसके बाद उनके परिजनों ने आरोप लगाया कि एम्बुलेंस सेवा में देरी होने के कारण उनकी मौत हुई है।     

राज्य की राजधानी में दुकानें और होटल बंद रहे। हालांकि, हड़ताल के बावजूद कुछ व्यापारियों ने एस एम स्ट्रीट स्थित अपने दुकानों को पुलिस सुरक्षा में खोला। यह कोझीकोड, कोच्चि एवं कोल्लम में व्यापार का एक बड़ा केंद्र है।     

व्यापारिक संगठनों ने कहा था कि वह इस हड़ताल को अपना समर्थन नहीं देंगे तथा दुकानें एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों को खोलेंगे।    

टीवी चैनलों ने आंदोलनकारियों की वीडियो फुटेज दिखायी हैं जिसमें सुबह छह बजे उन्हें विभिन्न जिलों में दुकानों को बंद कराते दिखाया गया है।    

प्रदेश के कोझीकोड़, पलक्कड एवं कोल्लम में प्रदर्शनकारियों ने टायरों में आग लगा दी और सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर रख कर यातायात बाधित करने के लिए सड़क जाम कर दिया।

पुलिस ने बताया कि प्रदेश में सत्तारूढ माकपा के एर्णाकुलम एवं मलप्पुरम जिलों में स्थित पार्टी के स्थानीय कार्यालयों पर पथराव किया गया।     

पलक्कड़ में वामपंथी दलों की ओर से चलाये जा रहे एक पुस्तकालय में प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने बताया कि कन्नूर और कोझीकोड़ में पथराव के दौरान ऑटोरिक्शा और निजी बसों को नुकसान हुआ।     

बसों के अलावा कुछ स्थानों पर पुलिस के गश्त दल के वाहनों पर भी हमला किया गया।     

भाजपा बंद का समर्थन कर रही है जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ गुरुवार को ’काला दिवस’ मना रहा है।     

हिंसक घटनाओं के सिलसिले में विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन पुलिस को राज्य भर में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या का आकलन करना बाकी है।     

पुलिस ने बताया कि बुधवार रात को हिंसा के सिलसिले में मलप्पुरम में 22 और कन्नूर में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।     

सबरीमाला मंदिर से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सुबह से हड़ताल और सड़क जाम के बावजूद भगवान अय्यप्पा मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई और श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा।  

उच्चतम न्यायालय के 10 साल से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध हटाने संबंधी ऐतिहासिक फैसले के तीन महीने बाद दो महिलाओं, कनकदुर्गा (44) और बिंदू (42) ने पहली बार इसमें प्रवेश किया।     

जैसे ही यह खबर फैली, कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया और दुकानों तथा बाजारों को बंद कर दिया।

विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कालीकट और कन्नूर सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों ने गुरुवार को होने वाली अपनी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।

भाषा
तिरुवनंतपुरम


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