धर्म सभा में विहिप का कड़ा रुख, कहा, अब और इंतजार नहीं, जैसे भी बने, बनाओ मंदिर

Last Updated 10 Dec 2018 01:44:28 AM IST

रामलीला मैदान में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर से रविवार को आयोजित की गई विराट धर्म सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश ‘भैयाजी’ जोशी ने कहा कि हम राम मंदिर की भीख नहीं मांग रहे, ये हमारा अधिकार है और चाहत तो है ही संसद और सरकार का दायित्व भी है।


नई दिल्ली : धर्मसभा में भगवान राम का कटआउट लिए विहिप के समर्थक। (फोटो: प्रेट्र)

उन्होंने कहा कि जो आज सत्ता में हैं, उन्होंने राम मंदिर बनाने का वादा किया था। उन्हें लोगों की बात सुननी चाहिए और अयोध्या में राम मंदिर की मांग को पूरा करना चाहिए। वो लोगों की भावनाओें से अवगत हैं। जोशी ने कहा कि देश रामराज्य चाहता है। न्याय व्यवस्था व न्यायालय की प्रतिष्ठा बनी रहनी चाहिए तथा न्याय व्यवस्था व राज सत्ता दोनों को अपने पूरे सामथ्र्य का उपयोग करते हुए जन भावना की उपेक्षा के स्थान पर उसका सम्मान करना चाहिए जिससे जन विश्वास भी बना रहे। विहिप ने किया दावा, यहां देश भर से नौ लाख लोग आए।

सभा में जगद्गुरु  रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य ने कहा कि राम मंदिर के लिए कानून या अध्यादेश से कम कुछ स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर राम मंदिर प्राथमिकता में नहीं है तो रामनवमी पर वे अवकाश क्यों लेते हैं। हंसदेवाचार्य ने प्रधानमंत्री मोदी को चेतावनी देते हुए कहा कि हम उन्हें तब तक सीट से उतरने नहीं देंगे जब तक राम मंदिर बन नहीं जाता। उन्हें जरूर अपना वादा पूरा करना चाहिए। वहीं विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि राम मंदिर चुनाव का मुद्दा नहीं, आत्म सम्मान का मुद्दा है। न्यायालय की प्रतीक्षा अनंत काल तक नहीं की जा सकती। संसद जनता की आकांक्षा के अनुसार कानून बना कर मंदिर निर्माण की राह खोले।
इस ऐतिहासिक सभा की अध्यक्षता करते हुए आचार्य महामंडलेर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि राम मंदिर के लिए दिल्ली में उमड़े जनसैलाब ने इतिहास रच दिया। राम हिन्दू समाज के लिए मुक्तिमंत्र हैं, चेतना हैं। राम मंदिर के इस एकजुट स्वर को शासन और न्यायालय को समझना होगा। अवधेशानंद गिरी ने राम मंदिर निर्माण के लिए संकल्प भी दिलाया।
संतों की मांग, दिसम्बर में राम मंदिर निर्माण शुरू हो : गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि संत चाहते हैं कि इसी दिसम्बर में राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो जाना चाहिए। उदासीन आश्रम आराम बाग के राघवानंद महाराज ने कहा कि अगर कानून नहीं बना तो राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष ही एक उपाय रह जाएगा।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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