कल्पना चावला 15वी बरसी, उनकी स्मृति में रूद्राक्ष का पौधा किया रोपण
परमार्थ निकेतन में कल्पना चावला की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धाजंलि दी तथा परमार्थ प्रांगण में उनकी स्मृति में शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा रोपित किया गया.
फाइल फोटो |
परमार्थ परिवार के साथ लद्दाख से आयी युवा बौद्ध भिक्षुणियों एवं विदेशी सैलानियों ने भी दो मिनट का मौन रखा.
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने‘देश की बेटियों’से आह्वान किया कि कल्पना चावला की तरह न केवल सपने देखें बल्कि उसे पूरा भी करें. उन्होंने कहा देश की हर नारी में एक कल्पना बसी है अत: उन्हें सम्मान दे, अवसर दे और संसाधन प्रदान करें ताकि ये कल्पनायें ऊँची उड़ान भर सकें.
उन्होंने कहा बेटियों की कल्पना, कल्पना न रह जायें, उनका सपना, सपना न रह जायें बल्कि जीवन की हर ऊँचाई को वह छू सके। उन्होंने कहा कि आज के युग में बेटियों को संरक्षण नहीं, संसाधन चाहियें‘‘, वे प्रतिभाशाली और अद्म्य साहसी हैं.
स्वामी ने कहा कि सरकार‘बेटी बचाओे, बेटी पढ़ाओ’और अनेक ऐसे अभियान चला रही है परन्तु बेटियों को सुरक्षित रखना समाज की सोच पर निर्भर करता है. सोच बदलेगी तो ही बेटियों का संघर्ष, प्रतिभा और चुनौतियाँ दिखाई देंगी. उन्होंने कहा भारतीय महिलाओं की उपलब्धियों की सूची बहुत बड़ी है बस उस पर गौर करने की जरूरत है, वे किसी से कमतर नहीं है बस उन पर विास करने की आवश्यकता है.‘
लद्दाख से आयी बौद्ध भिक्षुणियों के विषय में जानकारी देते हुये स्वामी ने कहा कि हम लद्दाख में इन बौद्ध भिक्षुणियों के स्कूल के लिये एक योजना बना रहे है जिसके अन्तर्गत वहाँ पर इन कन्याओं के स्कूल में अलग शौचालय की सुविधायें उपलब्ध करायी जायेंगी। कहा कि वहां की स्थानीय जनता और बौद्ध भिक्षुओं को साथ लेकर वहां पर हजारों की संख्या में फलदार पौधों का रोपण किया जायेगा ताकि स्थानीय लोगों को पोषण के साथ आजीविका के साधन भी प्राप्त हो सके.
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