दिल्‍ली में आतंकी साजिश नाकाम, इंडियन मुजाहिदीन का कुख्यात आतंकी गिरफ्तार

Last Updated 22 Jan 2018 12:30:51 PM IST

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गणतंत्र दिवस के ठीक पहले दिल्ली में इंडियन मुजाहिदीन के एक वांछित आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया जिसकी पहचान अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीद के रूप में हुई है.


स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त प्रमोद सिंह कुशवाहा ने आज बताया कि पुलिस ने देश के सर्वाधिक वांछित आतंकवादी सुभान कुरैशी को काफी दिनों की तलाश के बाद शनिवार को एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद उत्तर प्रदेश की सीमा के पास गाजीपुर से गिरफ्तार कर लिया. उसे चौदह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

कुरैशी इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) का सह संस्थापक है. वह अपने किसी साथी से मिलने आया था. उसके पास से एक पिस्तौल और कुछ पांच कारतूस मिले हैं. उन्होंने बताया कि कुरैशी काफी दिनों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नेपाल में रह रहा था. वह इंडियन मुजाहिदीन की शाखा को फिर से खड़ा करने के लिए भारत लौटा था.

कुशवाहा ने बताया कि कई राज्यों की पुलिस को इसकी तलाश थी तथा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उस पर चार लाख रुपये का ईनाम रखा हुआ था. मूल रूप से मध्य प्रदेश के जबलपुर से ताल्लुक रखने वाला है लेकिन बाद में परिवार मुम्बई में रहने लगा था.

इसके पहले भी कुरैशी कर्नाटक और केरल में प्रतिबंधित संगठन ‘स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) के कई कार्यक्रमों में शिरकत कर चुका था. साल 2005 के बाद से वह भूमिगत हो गया था.

पुलिस के अनुसार कुरैशी 2008 में गुजरात में हुए सिलसिलेवार बम धमाके का मुख्य साजिशकर्ता है. 26 जुलाई 2008 को गुजरात के अहमदाबाद में 16 बस धमाके हुए थे. ये सारे धमाके 90 मिनट के अंदर किए गए थे. इन धमाकों में करीब 56 लोग मारे गए थे और 200 लोग घायल हुए थे. हमले की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन ने ही ली थी. बाद में हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी ने भी इस हमले की जिम्मेदारी ली थी.

पुलिस को इस मामले में पिछले दस साल से कुरैशी की तलाश थी. पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर कुरैशी ने देश की कई नामचीन निजी कंपनियों में अच्छी सैलरी पर काम किया था. यह बम बनाने में माहिर है. वह आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने के लिए शिविर भी आयोजित करता था. 23 साल की उम्र में ही वह सिमी से जुड़ गया था. सिमी के सरगना सफदर नागौरी की गिरफ्तारी के बाद कुरैशी सिमी का मुखिया बन गया था. उसके वह इंडियन मुजाहिदीन के सारे ऑनलाइन काम वहीं करता है.

पुलिस ने 26 जनवरी के मौके पर दिल्ली में इस आतंकवादी द्वारा किसी भी तरह की साजिश किए जाने की खबरों को खारिज किया है. पुलिस ने बताया है कि यह दिल्ली में किसी भी वारदात को अंजाम देने के लिए नहीं आया था. दिल्ली के गाजीपुर में वह अपने एक साथी से मिलने के लिए आया था.

2015 से 2017 के बीच में यह सऊदी अरब चला गया था. विदेश में इसका कई लोगों से संपर्क हुआ. यह दोबारा भारत आया था, क्योंकि इसे इंडियन मुजाहिद्दीन को दोबारा से खड़ा करना था. इसके पास से पुलिस को नेपाल का फर्जी पासपोर्ट भी मिला है. पुलिस ने बताया कि इसको गिरफ्तार करने के दौरान दिल्ली पुलिस और एनआईए की टीम ने साझा अभियान चलाया. इस दौरान छोटी मुठभेड़ भी हुयी जिसमें 12 से 13 राउंड गोलियां भी चलायी गयी है.

वार्ता


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