पीएम मोदी का संकेत, लोकलुभावन नहीं होगा बजट

Last Updated 22 Jan 2018 11:58:06 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया कि आगामी आम बजट कोई लोकलुभावन बजट नहीं होगा उन्होने साथ ही कहा कि यह मुद्दा वित्त मंत्री के अधिकार क्षेत्र में आता है और वह इसमें दखल नहीं देना चाहते.




फाइल फोटो

जिसके चलते भारतीय अर्थव्यवस्था पांच प्रमुख कमजोर अर्थव्यवस्थाओं की जमात से निकलकर दुनिया का आकर्षक गंतव्य बन गया है.

एक अंग्रेजी चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा, यह मात्र एक धारणा है कि लोग मुफ्त की चीजें और छूट चाहते हैं.

यह पूछे जाने पर कि पहली फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में क्या वह लोकलुभावन घोषणा करने से बचेंगे. इस पर उन्होंने कहा, तय यह करना है कि देश को आगे बढने और मजबूत होने की जरुरत है या इसे इस राजनैतिक संस्कृति-कांग्रेस की संस्कृति का अनुसरण करना है.

मोदी ने कहा कि आम जनता ईमानदार सरकार चाहती है. आम आदमी छूट या मुफ्त की चीज नहीं चाहता है.. यह मुफ्त की चीज की चाहती आपकी कोरी कल्पना है. उन्होंने कहा
कि उनकी सरकार के फैसले जनता की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हैं.

प्रधानमंत्री ने बातचीत के दौरान अपनी सरकार की आर्थिक नीतियों का जोरदार बचाव किया. जीएसटी के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार माल एवं सेवा कर में संसोधन के
सुझाव पर अमल के लिए तैयार है ताकि इसे अधिक कारगर प्रणाली बनाया जा सके और इसकी खामियां दूर हो.

स्विट्जरलैंड के दावोस में होने वाली वि आर्थिक मंर्च डब्ल्यूईएफी की शिखर बैठक के पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करने का अवसर पाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री का सम्मान
पाने के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि यह भारत की प्रगति के कारण संभंव हुआ है. उन्होंने कहा, भारत ने दुनिया को अपनी शक्ति का परिचय दिया है इसलिए यह
स्वाभाविक है कि दुनिया भी भारत के बारे में जानना चाहती है और वह यह जानकारी भारत के शासनाध्यक्ष सेी सीधे प्राप्त करना चाहती है और उसे समझना चाहती है.



मोदी ने कहा कि स्वच्छ और स्पष्ट नीतियों के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था फल-फूल रही है और उद्यमी निवेश की जोखिम उठाने लगे हैं. भारत बडे आर्थिक अवसरों का देश और
वैश्विक निवेश का आकर्षक गंतव्य बन गया है.        

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार 2019 के आम चुनाव से पहले किए जा रहे अंतिम पूर्ण बजट को लोकलुभावन बजट बनाएगी तो उन्होंने कहा कि यह मामला वित्त मंत्री के
दायरे में आता है और वह इस काम में हस्ताक्षेप नहीं करना चाहते. साथ ही उन्होंने कहा, जिन लोगों ने मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के रूप में देखा है वो
जानते हैं कि सामान्य जन इस तरह की चीजो लोकलुभानी की अपेक्षा नहीं करता.. यह एक मिथक कोरी कल्पनी है.

 

भाषा


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment