CJI को सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों की 7 पेज की चिट्ठी, उठाए कई सवाल

Last Updated 12 Jan 2018 02:58:03 PM IST

आजाद भारत के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार जज आज मीडिया के सामने आए. इसके बाद न्यायपालिका में हड़कंप मच गया.


SC के जजों ने जारी की 7 पेज की चिट्ठी

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस जे चेलामेश्‍वर ने जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सुप्रीम कोर्ट के कामकाज पर सवाल उठाए.

हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस चेलामेश्वर ने यह भी कहा कि हम चारों के लिए यह बहुत तकलीफ से भरा समय है और यह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने में हमें कोई खुशी नहीं हो रही. लेकिन हम नहीं चाहते कि 20 साल बाद कोई कहे कि चारों जजों ने अपनी आत्मा बेच दी थी.

इस दौरान चारों जजों ने जो चिट्ठी चीफ जस्टिस को भेजी थी उसे भी जारी किया, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

चिट्ठी में लिखा है कि अदालत की ओर से दिए गए कुछ फैसलों से न्यायपालिका की पूरी व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. इसके साथ ही उच्च न्यायालयों की स्वतंत्रता भी प्रभावित हुई है.

पत्र में कहा गया कि सिद्धांत यह है कि चीफ जस्टिस के पास रोस्टर तैयार करने का अधिकार होता है. वह तय करते हैं कि कौन सा केस कौन सी बेंच और जज देखेगा. यह विशेषाधिकार सुप्रीम कोर्ट का कामकाज सुचारू रूप से चल सके इसलिए हैं.

SC के जजों की PC, बोले- सब ठीक नहीं चल रहा

हालांकि देश के न्यायशास्त्र में यह स्पष्ट है कि चीफ जस्टिस अन्य जजों में पहले है, बाकियों से बड़ा या छोटा नहीं.

चिट्ठी में आगे लिखा है कि ऐसे भी कई मामले हैं, जिनका देश के लिए विशेष महत्व है. लेकिन, उन मामलों को तार्किक आधार पर देने की बजाय चीफ जस्टिस ने अपनी पसंद वाली बेंचों को दिया. इसे रोका जाना चाहिए.

 

समयलाइव डेस्क


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