इसरो ने रचा इतिहास, कार्टोसैट-2 समेत 31 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण

Last Updated 12 Jan 2018 10:50:06 AM IST

इसरो ने आंध प्रदेश में श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी40 रॉकेट से भारत की कार्टोसैट-2 श्रृंखला का मौसम उपग्रह और 29 अन्य उपग्रहों का आज सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया.


इसरो ने कार्टोसैट-2 सहित 31 उपग्रह प्रक्षेपित किए

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में एक और ऊंची छलांग लगाते हुए आज श्रीहरिकोटा के के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-40 सी के जरिये पृथ्वी अवलोकन उपग्रह काटरेसैट-2 सहित 31 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया जिसके साथ ही इसरो निर्मित उपग्रहों के प्रक्षेपण का शतक पूरा हो गया.  

पीएसएलवी-सी40 रॉकेट का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह नौ बजकर 28 मिनट पर अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण किया गया जो बादलों से भरे आसमान को चीरता हुआ अपने गंतव्य की ओर बढ गया.

44.4 मीटर ऊंचे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी40) ने 28 घंटों की उल्टी गिनती के बाद शुक्रवार सुबह 9.29 बजे उड़ान भरी.

प्रक्षेपण के लगभग 17 मिनट और 18 सेकंड के बाद 320 टन वजनी रॉकेट से एक-एक करके उपग्रह अलग होते जाएंगे और यह उन्हें पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करेगा.

इस रॉकेट के जरिये काटरेसैट-2 के साथ 28 विदेशी उपग्रहों का भी प्रक्षेपण किया गया जिनमें अमेरिका और फिनलैंड के उपग्रह शामिल हैं. इसके साथ ही दो अन्य भारतीय उपग्रह-पांच किलो वजनी नैनो अंतरिक्ष यान और लगभग 100 किलो वजनी सूक्ष्म उपग्रह शामिल हैं. सभी 31 उपग्रहों का वजह 1323 किलोग्राम है.

यह देश का इस वर्ष पहला पीएसएलवी मिशन है. 4 महिने पहले ही इसरो ने बैकअप नौवहन प्रक्षेपण यान आईआरएनएसएस-1एच का मिशन लॉन्च किया था. इसे पीएसएलवी-39 से प्रक्षेपित किया था और यह असफल रहा था.

इसरो के चेयरमैन ए एस किरण कुमार ने घोषणा की कि काटरेसैट-2 उपग्रह इस श्रेणी में 7वां उपग्रह है जो एक नैनो सैटेलाइट है.

पीएसएलवी सी-40 प्रक्षेपण यान के उडान भरने के बाद 17.33 मिनट के भीतर कार्टोसैट-2 उपग्रह और 28 अन्य वाणिज्यिक उपग्रहों को एक-एक करके सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया.

कुमार ने कहा कि भारत के एक माइवो सैटेलाइट को करीब 90 मिनट बाद कक्षा में स्थापित किया जाएगा जो चौथे चरण का दहन शुरु होने के बाद स्थापित होगा. वाणिज्यिक 28 अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों में तीन माइवो और 25 नैनो-सैटेलाइट हैं. यह छह देशों कनाडा, फिनलैंड, प्रांस, कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के हैं.



वर्ष 2018 का यह पहला मिशन इसरो के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा क्योंकि इससे पहले पिछले साल अगस्त में आईआरएनएसएस-1एच को छोडने का पीएसएलवी सी-39 मिशन सफल नहीं हुआ था जिसे लेकर वैज्ञानिकों के बीच चिंता बनी हुई थी.

इसरो अध्यक्ष के तौर पर अपने अंतिम मिशन पर किरण कुमार ने कहा कि कार्टोसैट-2 उपग्रह को देश के लिए नए साल के एक तोहफे के रुप में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करते हुए वह बहुत खुश हैं.

उन्होंने मिशन के नियंत्रण कक्ष में कहा, ‘‘ इसरो ने 2018 की शुरुआत सफल प्रक्षेपण से की है. सभी वाणिज्यिर्क कार्टोसैट और नैनोसैट के अलावी उपग्रह और एक घंटे बाद छोडा जाने वाला माइवोसैट सफल रहा है. अब तक कार्टोसैट का प्रदर्शन संतोषजनक रहा है.’’

इसरो ने अपनी वेबसाइट पर गुरुवार को लिखा, पीएसएलवी-सी 440 के चौथे चरण के प्रणोदक को भरने का काम चल रहा है. चौथे चरण के पीएसएलवी-सी-40 की ऊंचाई 44.4 मीटर और वजन 320 टन होगा. पीएसएलवी के साथ 1332 किलो वजनी 31 उपग्रह एकीकृत किए गए हैं ताकि उन्हें प्रेक्षपण के बाद पृथ्वी की ऊपरी कक्षा में तैनात किया जा सके.

कुल 31 उपग्रहों में से तीन भारतीय हैं और 28 छह देशों से हैं. इनमें कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. सैटेलाइट केंद्र निदेशक एम. अन्नादुरई ने मंगलवार को बताया, माइक्रोउपग्रह अंतरिक्ष में भारत का 100वां उपग्रह होगा.

पृथ्वी अवलोकन के लिए 710 किलोग्राम का काटरेसेट-2 सीरीज मिशन का प्राथमिक उपग्रह है. इसके साथ सह यात्री उपग्रह भी है जिसमें 100 किलोग्राम का माइक्रो और 10 किलोग्राम का नैनो उपग्रह भी शामिल हैं. कुल 28 अंतर्राष्ट्रीय सह यात्री उपग्रहों में से 19 अमेरिका, 5 दक्षिण कोरिया और एक-एक कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन और फिनलैंड के हैं.
 
चार महीने पहले 31 अगस्त 2017 इसी तरह का एक प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी की निम्न कक्षा में देश के आठवें नेविगेशन उपग्रह को वितरित करने में असफल रहा था.

पीएसएलवी-सी40 वर्ष 2018 की पहली अंतरिक्ष परियोजना है. अन्नादुरई ने कहा, पीएसएलवी अपने 39वें परियोजना (पीएसएलवी-सी 39) तक बहुत सफल रहा था. पीएसएलवी-सी 39 हमारे लिए एक झटका था क्योंकि हीट शील्ड अलग नहीं हो पाए थे.

अन्नादुरई ने कहा, हमने विस्तार से अध्ययन किया है कि क्या गलत हो सकता है और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह दोबारा न हो. पीएसएलवी-सी 40 के साथ हम खेल में वापस आ गए हैं.

एजेंसियां


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