सरकार ने माना, थाईलैंड में अपने पाक समकक्ष से मिले थे एनएसए डोभाल
सरकार ने बृहस्पतिवार को इस बात की पुष्टि की कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने थाईलैंड में अपने पाकिस्तानी समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (रिटार्यड) नासिर खान जांजुआ के साथ बातचीत की.
पाकिस्तानी समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (रिटार्यड) नासिर खान जांजुआ एवं भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (फाइल फोटो) |
सरकार ने कहा कि ‘आतंकवाद पर बातचीत’ निश्चित रूप से आगे बढ़ सकती है. दोनों अधिकारियों के बीच बातचीत के करीब एक पखवाड़े बाद इसकी आधिकारिक पुष्टि की गई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया, अभियान संबंधी बातचीत में ‘सीमा-पार आतंकवाद’ और क्षेत्र से आतंकवाद के खात्मे पर जोर रहा. उन्होंने कहा, भारत अपने इस रुख पर कायम रहा है कि आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं चल सकती है लेकिन आतंकवाद पर बातचीत निश्चित रूप से आगे बढ़ सकती है.
कुमार ने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत हुई और हमने कहा है कि आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं चल सकती है. इसके अलावा भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के कई और तंत्र हैं. डीजीएमओ स्तर पर बातचीत होती है. नियमित व्यवस्था के तहत बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजर्स के बीच बातचीत हुई. उन्होंने कहा, इसी तरह एनएसए स्तर की बातचीत अभियान स्तरीय वार्ता का हिस्सा है. कुमार ने कहा, बैठक के दौरान सीमा-पार आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया गया.
प्रवक्ता से पूछा गया कि क्या डोभाल ने कुलभूषण जाधव के परिवार के साथ र्दुव्यवहार के मुद्दे को भी बैठक में उठाया था, तो प्रवक्ता ने कहा, बातचीत सीमा-पार आतंकवाद पर केंद्रित रही. जाधव के परिवार के उनसे मुलाकात के एक दिन बाद एनएसए स्तर की यह बातचीत हुई थी. कुमार ने बताया, इससे जुडी कुछ बैठकें पहले से तय होती हैं. बहुत पहले ही तारीख तय की जाती हैं. इसमें इस बात से कोई लेना-देना नहीं होता है कि उस वक्त क्या हो रहा है.
31 दिसम्बर को एक अखबार ने खबर दी थी कि 26 दिसम्बर को दोनों एनएसए के बीच थाईलैंड में बैठक हुई थी. इसके एक दिन बाद पाकिस्तान के एक अखबार ने एक अज्ञात पाक अधिकारी के हवाले से बैठक से जुड़ी खबर दी थी. कुमार से पूछा गया कि एनएसए स्तर के बीच बैठक फिर से होगी तो उन्होंने कहा-इस तरह की बैठक होने पर जानकारी साझा की जाएगी. जाधव की मां अवंती और पत्नी चेतना ने 25 दिसम्बर को इस्लामाबाद में उनसे मुलाकात की थी.
यह पहला मौका नहीं है, जब दोनों एनएसए के बीच किसी तीसरे देश में बैठक हुई. दिसम्बर 2015 में भी दोनों देशों के एनएसए ने दोनों देशों के विदेश सचिवों के साथ बैंकाक में बैठक की थी और इससे जुड़ी जानकारी भी बैठक खत्म होने तक दोनों देशों ने साझा नहीं की थी.
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