प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन: मोदी बोले, भारत के प्रति बदला है विश्व का नजरिया

Last Updated 09 Jan 2018 11:23:04 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्‍होंने कहा कि आपके पूर्वज भले ही यहां से गए थे लेकिन आप लोग आज भी भारत के साथ जुड़े हैं.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

मोदी ने कहा कि मैं आप सभी प्रवासी भारतीय मित्रों का हार्दिक स्वागत करता हूं. मैं आपकी भारत के प्रति भावना को भली भांति समझ सकता हूं. मैं जब भी किसी देश की यात्रा करता हूं, तो मेरा प्रयास होता है कि वहां रहने वाले भारतीय मूल के लोगों से मिलूं. मेरे इस प्रयास का सबसे बड़ा कारण है कि मैं मानता हूं कि विश्व के साथ भारत के संबंधों के लिए यदि सही मायने में कोई स्थायी राजदूत है तो वे भारतीय मूल के लोग हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं कि भारतीय मूल के प्रवासी जहां भी गए, वहीं पूरी तरह समावेशित हो कर, घुल मिलकर उस जगह को अपना घर बना लिया. उन्होंने जहां एक तरफ खुद में भारतीयता को जीवित रखा, तो दूसरी तरफ वहां की भाषा, वहां के खान-पान, वहां की वेश-भूषा में भी पूरी तरह घुल-मिल गए.

उन्होंने कहा कि आज आपको यहां देखकर आपके पूर्वजों को कितनी प्रसन्नता रही होगी, इसका अंदाजा हम लोग लगा सकते हैं. वो जहां भी होंगे, आपको यहां देखकर बहुत खुश होंगे. सैकड़ों वर्षों के कालखंड में भारत से जो भी लोग बाहर गए, भारत उनके मन से कभी बाहर नहीं निकला.

उन्होंने कहा कि राजनीति की बात करूं तो, मैं देख ही रहा हूं कि कैसे  भारतीय मूल की एक मिनी वर्ल्ड पार्लियामेंट आज हमारे सामने मौजूद है. आज भारतीय मूल के लोग मॉरीशस, पुर्तगाल और आयरलैंड में प्रधानमंत्री हैं. भारतीय मूल के लोग और भी बहुत से देशों में शासनाध्यक्ष और सरकार के मुखिया रह चुके हैं .

उन्होंने कहा कि आप लोग लंबे समय से अलग-अलग देशों में रह रहे हैं. आपने अनुभव किया होगा कि भारत के प्रति पूरे विश्व का नजरिया बदल गया. इसका मुख्य कारण यही है कि भारत स्वयं बदल रहा है, इसमें बदलाव आ रहा है. लोगों की उम्‍मीद बढ़ी है और भारत में कारोबारी माहौल सुधरा है. आज वर्ल्‍ड बैंक, मू‍डीज जैसी संस्‍थाएं भारत की ओर देख रही हैं.

मोदी ने कहा, जैसा पहले था, वैसे ही चलता रहेगा, कुछ बदलेगा नहीं, इस सोच से भारत अब बहुत आगे बढ़ चुका है. भारत के लोगों की आशाएं-आकांक्षाएं इस समय उच्चतम स्तर पर हैं. व्यवस्थाओं में हो रहे संपूर्ण परिवर्तन का, इसमें हो रहे अपरिवर्तनीय बदलाव का परिणाम आपको हर क्षेत्र में नजर आएगा.

भारत युवा देश है और युवाओं के विकास के लिए सरकार लगातार काम कर रही है. 21वीं सदी के भारत की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ट्रांसपोर्ट और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाया जा रहा है. रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं. स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे उद्योगों को भी नया अवसर मिल रहा है.

मोदी ने कहा कि हमारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जी न सिर्फ़ भारतीय नागरिकों, बल्कि प्रवासी भारतीयों की समस्याओं पर 24 घंटे नज़र रखती हैं. उनके नेतृत्व में विदेश मंत्रालय ने उच्चायोग संबंधी शिकायतों की वास्तविक और समयबद्ध निगरानी और प्रतिक्रिया के लिए 'मदद' पोर्टल की व्यवस्था खड़ी की है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी-अपनी कर्मभूमि में प्रगति के लिए आपके योगदान से भारत का नाम भी ऊंचा होता है. भारत के विकास के लिए हमारे प्रयासों में हम प्रवासी भारतीयों को अपना सहयोगी मानते हैं. नीति आयोग ने 2020 तक का जो कार्य संबंधी एजेंडा बनाया है, उसमें प्रवासी भारतीयों को विशेष स्थान दिया है.

प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन में 23 देशों से भारतीय मूल के 140 से अधिक सांसद और मेयर शामिल हो रहे हैं. नयी दिल्ली के प्रवासी भारतीय केंद्र में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन का उद्देश्य प्रवासी भारतीयों से संपर्क के जरिए इन देशों से संबंध मजबूत बनाना है.

इस सम्मेन में हिस्सा लेने के लिये 30 देशों को आमंत्रण भेजा गया था और 23 ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है. ब्रिटेन, कनाडा, फिजी, केन्या, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और अन्य देशों से 124 सांसदों के भी इसमें भाग लेने का कार्यक्रम है.

मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस सम्मेलन में अमेरिका, मलेशिया, स्विट्जरलैंड, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो सहित अन्य देशों से 17 मेयर के भी इसमें शरीक होने का कार्यक्रम है.

अमेरिका में अभी सीनेट का सत्र चल रहा है, ऐसे में वहां से प्रतिनिधि नहीं आ रहे हैं. श्रीलंका को छोड़ कर किसी अन्य दक्षेस देश को आमंत्रण नहीं भेजा गया.

सम्मेलन में दो परिचर्चा सत्र भी हैं जिसमें प्रवासी भारतीय सांसद (संघर्ष से संसद तक की यात्रा और उभरता भारत) प्रवासी भारतीय सांसदों की भूमिका विषय शामिल हैं.

सम्मेलन में एक सत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर भी शामिल हो रहे हैं. इस सत्र की अध्यक्षता राज्यसभा के उपसभापति करेंगे. दूसरे सत्र में संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार विशेष अतिथि होंगे, जिसकी अध्यक्षता लोकसभा के उपाध्यक्ष करेंगे. उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन समापन सत्र में हिस्सा ले रहे हैं.

 

समयलाइव डेस्क/भाषा


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