युवा हुंकार रैली में जिग्नेश मेवाणी का मोदी सरकार पर हमला
गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी के एक विरोध जुलूस कार्यक्रम को पुलिस द्वारा इजाजत नहीं दिए जाने के बावजूद मंगलवार को सैकड़ों लोग दिल्ली के संसद मार्ग पर एकत्रित हुए.
जिग्नेश मेवाणी (फाइल फोटो) |
गुजरात के नव निर्वाचित युवा विधायक जिग्नेश मेवाणी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए आज कहा कि लोकतंत्र एवं संविधान के समक्ष बड़ा खतरा पैदा हो गया है जिसे बचाने की लड़ाई को संसद से सड़क तक ले जाना होगा.
उत्तर प्रदेश में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद रावण की रिहाई की मांग के लिए 40 से ज्यादा संगठनों की ओर से यहां आयोजित युवा हुंकार रैली को संबोधित करते हुए मेवाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि उन्हें यह चुनाव करना होगा कि देश मनुस्मृति से चलेगा या संविधान से. उन्होंने मोदी से दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार, किसानों की आत्महत्या, छात्र नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों और युवाओं की बेरोजगारी और सामाजिक न्याय से जुड़े सवाल पूछे.
मोदी सरकार पर अपने सभी वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए वह लव जेहाद, गोमाता और घर वापसी के नाम पर नकली दुश्मन खड़ा करने की साजिश कर रही है. इस समय लोकतंत्र और संविधान के समक्ष जैसा खतरा पैदा हो गया है, वैसा कभी नहीं था और पूरे देश को फासीवाद से मुकाबला करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में 700 से 800 छात्र नेताओं पर मामले दर्ज हुए हैं और भीम आर्मी के लोगों को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने चंद्रशेखर के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज करने के औचित्य पर सवाल उठाया और उसकी रिहाई की मांग की.
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