बांस को वृक्ष श्रेणी से हटाने वाला विधेयक राज्यसभा में पारित

Last Updated 27 Dec 2017 10:12:11 PM IST

भारतीय वन (संशोधन) विधेयक 2017 राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष के विरोध के बावजूद पारित हो गया. इस विधेयक में बांस को वृक्ष की परिभाषा से अलग रखा गया है.


पर्यावरण और वन मंत्री हर्षवर्धन (फाइल फोटो)

विपक्ष ने विधेयक लाने के पीछे सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए सदन का बहिष्कार किया. यह विधेयक राष्ट्रपति की ओर से 23 नवंबर को घोषित भारतीय वन (संशोधन) अध्यादेश की जगह लेगा.

भारतीय वन अधिनियम 1927 में ताड़, ठूंठ, झाड़ी और सरकंडे के अलावा बांस को भी वृक्ष की परिभाषा के तहत शामिल किया गया था, जिसे काटकर गिराने व एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए सरकार की मंजूरी लेनी पड़ती थी.

सरकार की ओर से दलील दी गई कि बांस को वृक्ष की श्रेणी से अलग किए जाने से बांस की पैदावार बढ़ेगी और बांस के आयात पर देश की निर्भरता कम होगी.

पर्यावरण और वन मंत्री हर्षवर्धन ने यह विधेयक सदन में पेश किया था. उन्होंने सदन को बताया, "बांस हालांकि घास की श्रेणी में आता है, लेकिन इसे वृक्ष के रूप में जाना जाता है. इसलिए इस अधिनियम के तहत इसके पारगमन की अनुमति लेने की जरूरत होती है. जबकि कई राज्यों में बांस काटकर गिराने व इसके परिवहन पर राज्य के भीतर रोक नहीं है. लेकिन बांस के अंतर्राज्यीय परिवहन के लिए संशोधन के उपाय की जरूरत है."



उन्होंने बताया कि किसानों को बांस काटने व उसके परिवहन के लिए अनुमति लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और यह एक बड़ी बाधा है, जिसके कारण किसान अपने खेतों में बांस नहीं लगाते हैं.

मंत्री ने सदन को बताया, "इसलिए अधिनियम की धारा 2 के उपबंध 7 में संशोधन लाने का निर्णय लिया गया, ताकि वृक्ष की श्रेणी से बांस को हटाया जा सके और गैर-वन क्षेत्र में बांस लगाने पर अधिनियम के मुताबिक उसे काटकर गिराने व एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए मंजूरी लेने की आवश्यकता न हो. इससे किसान बांस लगाने के प्रति उत्साहित होंगे और कृषि से उनकी आय भी बढ़ेगी."

हालांकि विपक्ष में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसदों ने विधेयक का विरोध किया. उनका कहना था कि इससे बड़े उद्योगपतियों, लकड़ी माफिया और अमीर लोगों को लाभ मिलेगा. विपक्ष ने कानून में संशोधन से किसानों को लाभ होने के सरकार के दावे को खारिज किया.

 

 

आईएएनएस


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