चारा घोटाला: लालू दोषी करार, 3 जनवरी को सुनाई जाएगी सजा

Last Updated 23 Dec 2017 11:29:23 AM IST

बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में आज फैसला आ गया. सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव समेत 16 अभियुक्तों को दोषी करार दिया, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र समेत छह लोगों को बरी कर दिया.


आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)

अब तीन जनवरी को उनकी सजा का ऐलान किया जाएगा.

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने मामले में सुनवाई के बाद यादव समेत 16 अभियुक्तों को दोषी करार दिया जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, पूर्व पशुपालन मंत्री विद्यासागर निषाद, लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत के अलावा ए.सी. चौधरी, सरस्वती चंद्रा और साधना सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.

लालू समेत इस मामले में दोषी ठहराये गए सभी 16 लोगों को हिरासत में लेकर बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया है.

सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए अदालत ने 3 जनवरी 2018 की तिथि निर्धारित की है.

चारा घोटाला का यह मामला अविभाजित बिहार के देवघर कोषागार से 89 लाख 27 हजार रुपये की अवैध निकासी का है. 

1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख 27 हजार रुपये का फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से पशु चारे के नाम पर निकासी के इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्टूबर, 1997 को मुकदमा संख्या आरसी/64 ए/1996 दर्ज किया था.

इस मुकदमे में लालू यादव, जगन्नाथ मिश्र, विद्यासागर निषाद, लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत, आर के राणा, भारतीय प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारी फूलचंद सिंह, बेक जूलियस और महेश प्रसाद, कोषागार के अधिकारी एस के भट्टाचार्य, पशु चिकित्सक डॉ. के के प्रसाद और शेष चारा आपूर्तिकर्ता आरोपी थे. मामले के 38 आरोपियों में से जहां 11 की मौत हो चुकी है, वहीं तीन आरोपी सीबीआई के गवाह बन गये थे जबकि दो ने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया था. इसके बाद उन्हें 2006-07 में ही सजा सुना दी गयी थी.

देवघर कोषागार से फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से धन निकालने के इस मामले में लालू यादव और अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक षड्यंत्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1(डी) और 13(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

उल्लेखनीय है कि चारा घोटाला के एक मामले में चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, सत्तर लाख रुपये अवैध ढंग से निकासी करने के चारा घोटाले के एक अन्य मामले में आरजेडी अध्यक्ष को सजा हो चुकी है.

फैसला आने से पहले लालू आशावान नजर आ रहे थे. लालू ने कहा था कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है कि उन्हें इंसाफ मिलेगा.

समयलाइव डेस्क/वार्ता


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment