राज्यसभा में आए भी, खड़े भी हुए पर बोल नहीं पाए तेंदुलकर
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले भारत रत्न सचिन तेंदुलकर राज्यसभा के लिए मनानीत होने के बाद पहली बार किसी मुद्दे पर बोलने के लिए सदन में खड़े हुए.
राज्यसभा में भारत रत्न सचिन तेंदुलकर (फाइल फोटो) |
पर गुजरात विधनसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर लगाए गए आरोपों पर मोदी से स्पष्टीकरण की मांग को लेकर चल रहे हंगामे के चलते वह बोल नहीं पाए.
तेंदुलकर अप्रैल 2012 में राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनीत हुए थे. उनका कार्यकाल अप्रैल 2018 में पूरा हो रहा है. इन पांच साल में वह तकरीबन 19 बार सदन में आए पर बृहस्पतिवार को पहली बार किसी मुद्दे पर उन्होंने अपनी रखने का प्रयास किया. सभापति वेंकैया नायडू ने उन्हें इसका मौका भी दिया.
ने उनका उत्साहवर्धन करते हुए नारेबाजी कर रहे कांग्रेस सदस्यों को शांत करने की भरपूर कोशिश की, इस दौरान सपा सदस्य जया बच्चन, तृणमूल कांग्रेस सदस्य डेरेक ओ ब्रायन और सत्ता पक्ष के कई सदस्य सचिन को सदन में हंगामे की आशंका के प्रति आगाह करते हुए उनकी हौसला अफजाई करते नजर आए. बार-बार के अनुरोध का असर नहीं होते देख नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों को आगाह भी किया कि हंगामे का टेलीविजन पर प्रसारण न किया जाए न ही उनकी नारेबाजी को सदन की कार्यवाही में शामिल किया जाए.
हंगामे के बीच लगभग दस मिनट तक सचिन अपनी जगह पर चुपचाप खड़े रहकर सदन में शोरगुल बंद होने का इंतजार करते रहे, लेकिन नारेबाजी कर रहे सदस्यों के शांत नहीं होने पर नायडू को सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी. सदन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में सपा की जया बच्चन ने सचिन को नहीं बोलने देने को शर्मनाक बताते हुए कहा कि देश के युवा उन्हें सुनना चाहते थे, लेकिन कुछ लोगों के हंगामे के कारण यह नहीं हो सका. जया बच्चन ने कहा कि सचिन ने दुनिया भर में भारत का नाम रोशन किया है, लेकिन हम सबके लिए यह शर्म की बात है कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया. क्या सिर्फ राजनेताओं को ही बोलने का अधिकार है.
इस बीच, कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने कहा कि पांच साल से सचिन क्यों नहीं बोले. इस सवाल पर कि सचिन को कांग्रेस द्वारा ही राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनीत किए जाने के बावजूद कांग्रेस के सदस्यों ने ही उन्हें बोलने नहीं दिया, चौधरी ने कहा कि सदन में बोलने के लिए सचिन के पास पहले भी बहुत मौके आए और आगे भी आएंगे.
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