गुजरात-हिमाचल का सीएम कौन बनेगा, माथापच्ची जारी

Last Updated 20 Dec 2017 03:19:13 AM IST

गुजरात और हिमाचल में स्पष्ट बहुमत से चुनाव जीतने के बावजूद भाजपा मुख्यमंत्रियों के नामों पर फैसला नहीं कर पाई है.


विजय रुपाणी व मंगल पांडे जयराम ठाकुर (फाइल फोटो)

हिमाचल में प्रोफेसर प्रेमकुमार धूमल के हारने के बाद संभावित मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश के नेताओं से बातचीत की. इनमें मुख्यमंत्री के दावेदार जयराम ठाकुर भी शामिल थे. प्रभारी मंगल पांडे जयराम ठाकुर के साथ शिमला पंहुच गए हैं.

मुख्यमंत्रियों का चयन करने के लिए भाजपा ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है. गुजरात के लिए अरुण जेटली और सरोज पांडेय को जिम्मेदारी सौंपी गई है जबकि हिमाचल के लिए निर्मला सीतारमण और नरेंद्र तोमर को पर्यवेक्षक बनाया गया है.

गुजरात के अगले मुख्यमंत्री के नाम पर करीब करीब स्पष्टता है. विजय रूपाणी को दोबारा मुख्यमंत्री की कमान सौंपी जा सकती है. क्योंकि चुनाव लड़ने से पहले भाजपा ने उन्हें ही अगला मुख्यमंत्री का दावेदार घोषित किया था. लेकिन भाजपा के विधायकों की संख्या 115 से घटकर 99 आने पर मुख्यमंत्री के नाम पर फिर से विचार हो रहा है. सीटें कम आने से स्मृति ईरानी और नितिन पटेल का नाम उछलने लगा है. इसके बावजूद विजय रूपाणी की दावेदारी को कमतर नहीं किया जा सकता है.

25 दिसम्बर को शपथ-ग्रहण हो सकता है, क्योंकि यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है. साल 2012 के चुनावों के बाद नरेंद्र मोदी ने चौथी बार 25 दिसम्बर को ही शपथ ग्रहण किया था.

हिमाचल में जयराम ठाकुर के नाम का प्रस्ताव : हिमाचल में भाजपा पसोपेश में है. पार्टी का सबसे भरोसेमंद नेता और मुख्यमंत्री पद के दावेदार प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए. इसके बाद पार्टी नया चेहरा तलाश रही है. केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा का नाम नए नेता के तौर पर उभरा है. नवनिर्वाचित विधायक जयराम ठाकुर का नाम प्रदेश की तरफ से आया है.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज प्रदेश नेताओं को बुलाकर नए मुख्यमंत्री के नाम पर विचार विमर्श किया. इस बैठक में जयराम ठाकुर, सुरेश भारद्वाज और सांसद अनुराग ठाकुर शामिल हुए. अनुराग ठाकुर का कहना था कि उनके पिताजी को चुनाव हराया गया है.

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि उनके नाम पर भाजपा ने चुनाव में जीत हासिल की है इसलिए उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाया जाए. भाजपा के दो-तीन विधायक उनके लिए सीट छोड़ने को तैयार हैं. पार्टी नेताओं का तर्क है कि यदि नड्डा को बनाया गया तो भी उपचुनाव कराना होगा तो फिर धूमल को ही क्यों न बनाया जाए. उनके लिए तो अनेक विधायक सीट छोड़ने को तैयार हैं.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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