कोयला घोटाला मामला: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव को 3 साल की जेल
कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से जुड़े एक मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा और पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता को एक विशेष अदालत ने आज तीन साल की कैद की सजा सुनाई.
मधु कोड़ा को 3 साल की जेल (फाइल फोटो) |
विशेष अदालत ने कैद की सजा सुनाने के अलावा कोडा पर 25 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया जबकि गुप्ता पर एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया.
झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए. के. बसु और तत्कालीन मुख्यमंत्री के करीबी सलाहकार विजय जोशी को भी तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई. झारखंड में राजहरा उत्तरी कोयला ब्लाक का कोलकाता स्थित एक निजी कंपनी विनी आयरन एण्ड स्टील उद्योग लिमिटेड (विसुल) को आवंटन के मामले में भष्ट गतिविधियों में लिप्त रहने और आपराधिक साजिश रचने के लिये यह सजा दी गई.
विशेष न्यायधीश भारत पराशर ने निजी कंपनी को दोषी ठहराया और उस पर 50 लाख रपये का जुर्माना लगाया.
कोडा सहित दोषी करार दिये गये लोगों को दो महीने की सांविधिक जमानत दी गई है ताकि इस दौरान वह दिल्ली उच्च न्यायालय में उन्हें दोषी ठहराये जाने और जेल की सजा को चुनौती दे सकें.
बहुचर्चित कोयला घोटाला मामला का घटनाक्रम
बहुचर्चित कोयला घोटाला मामला जिसमें विशेष अदालत ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा और पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को आज तीन वर्ष की कैद की सजा सुनाई उसका घटनाक्र म इस प्रकार है..
- दिसंबर 2014 : सीबीआई ने यहां एक विशेष अदालत में कोडा और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया.
- जनवरी 21,2015: अदालत ने कोडा और अन्य को आरोपी के तौर पर तलब किया.
- फरवरी 18 : आरोपियों के अदालत में पेश होने और राहत की मांग करने के बाद अदालत ने उनकी जमानत मंजूर की.
- जुलाई 14, 2015 : अदालत ने कोडा और अन्य के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए.
- जुलाई 31, 2015 : अदालत ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए.
- जुलाई 11, 2017 : अदालत ने कोयला घोटाला मामले में सुनवाई पूरी की.
- दिसंबर 05, 2017 : अदालत ने आदेश सुरक्षित किया
- दिसंबर 13, 2017 : विशेष अदालत ने कोडा, गुप्ता और अन्य को भष्टाचार, आपराधिक षडयंत्र रचने और अन्य अपराधों का दोषी ठहराया.
- दिसंबर 16, 2017 : विशेष अदालत ने कोडा, गुप्ता और दो अन्य को तीन वर्ष की कैद की सजा सुनाई
इसके अलावा अदालत ने कोडा पर जुर्माना भी लगाया .
अदालत ने वीआईएसयूएल पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
अदालत का यह फैसला झारखंड के राजहरा उत्तरी कोयला खदान को वीआईएसयूएल को आवंटित करने से संबंधित है.
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