19 वर्ष तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं सोनिया और राहुल गांधी का अध्यक्ष तक का सफरनामा...

Last Updated 16 Dec 2017 10:33:23 AM IST

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी की बागडोर संभालने वाले नेहरू-गांधी परिवार के छठे सदस्य हैं. इस अवसर पर पार्टी के लगभग सभी प्रमुख नेता जुटे हैं.


कांग्रेस में जश्न शुरू

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और 19 वर्ष तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी के पुत्र राहुल गांधी को 2013 में पार्टी उपाध्यक्ष बनाया गया था और तब से वह पार्टी के बड़े फैसले लेने में प्रमुख भूमिका निभा रहे थे.

कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राहुल गत पांच दिसंबर को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गये थे.
        
कांग्रेस मुख्यालय पर आज जश्न का माहौल है. मुख्यालय के बाहर पार्टी कार्यकर्ता खुशी में ढोल बजा रहे हैं और नाच रहे हैं. इस अवसर पर पार्टी के लगभग सभी वरिष्ठ नेता और युवा पीढ़ी के नेता जुटे हैं. देश भर से पार्टी कार्यकर्ता यहां पहुंचे हैं.
         
 मुख्य कार्यक्रम पार्टी मुख्यालय के लॉन में हो रहा है.

सोनिया गांधी का सफरनामा
 

  • 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष बनीं
  • 1997 में कोलकाता अधिवेशन में कांग्रेस की सदस्यता ली
  • 1999 में बेल्लारी और अमेठी से लोस चुनाव लड़ा. दोनों जगह से जीतीं. अमेठी सीट रखी
  • 1999 में नेता विपक्ष बनीं, 2003 में वाजपेयी सरकार के खिलाफ लोस में अविास प्रस्ताव लाई
  • 2004 में रायबरेली से लोस के लिए चुनी गई. 14 मई 2004 को यूपीए की नेता चुनी गई
  • पीएम का पद लेने से इनकार किया
  • 2004 में यूपीए चेयरपर्सन और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष
  • 2006 में आफिस आफ प्राफिट मुद्दे पर लोस से इस्तीफा दिया
  • मई 2006 में रायबरेली के उपचुनाव से फिर लोकसभा के लिए चुनी गई
  • 2009 और 2014 में रायबरेली से सांसद चुनी गयीं


राहुल का अध्यक्ष तक का सफर
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी की बागडोर संभालने वाले नेहरू-गांधी परिवार के छठे सदस्य हैं.
            
उन्नीस जून 1970 को नयी दिल्ली में जन्मे गांधी की प्रारंभिक शिक्षा यहां के सेंट कोलम्बस स्कूल से हुई और बाद में वह दून स्कूल चले गए.
            
अमेरिका में हार्वड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से 1994 में कला स्नातक उपाधि हासिल करने के बाद गांधी ने 1995 में लंदन के मशहूर कैम्ब्रिज विश्विद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से एम.फिल किया. स्नातक की पढ़ाई के बाद उन्होंने माइकल पोर्टर की प्रबंधन परामर्श कंपनी मॉनीटर ग्रुप के साथ तीन साल तक काम किया. इस दौरान कंपनी और उनके सहकर्मियों को पता नहीं था कि गांधी भारत के एक बड़े राजनीतिक परिवार से हैं. वर्ष 2002 के अंत में वह मुंबई में प्रौद्योगिकी से संबंधित आउटसोर्सिंग कंपनी बैकअप्स सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक-मंडल के सदस्य बने.

गांधी ने 2004 में राजनीति में प्रवेश किया और अपने पिता के चुनाव क्षेत्र उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा चुनाव जीते. उन्हें 24 सितंबर 2007 को कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया. उन्होंने पार्टी को जमीनी स्तर पर फिर से सक्रिय करने और पार्टी के सहयोगी संगठनों में आंतरिक लोकतां पर जोर दिया. वर्ष 2009 के आम चुनावों में कांग्रेस को मिली बड़ी जीत का श्रेय उन्हें भी दिया गया.
        
इससे पहले नेहरू गांधी परिवार के मोतीलाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर रहे हैं. राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष बनी थीं और इस पद पर सबसे अधिक समय तक रहीं. 

इस दौरान 24 अकबर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाते देखे गये. कुछ लोग आदिवासी वेशभूषा में नाच-गाकर जश्न मना रहे थे तो कुछ भोले शंकर और हनुमान जी के भेष में आये थे.

उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा सदस्य गांधी देश की सबसे बड़ी और सर्वाधिक पुरानी राजनीतिक पार्टी की बागडोर संभालने वाले नेहरू-गांधी परिवार के छठे सदस्य हैं. वह 2013 से कांग्रेस के उपाध्यक्ष थे.

पार्टी अध्यक्ष पद के लिए हुये चुनाव में गाँधी ने 04 दिसंबर को नामांकन पा भरा था. नामांकन पत्रों के कुल 89 सेट भरे गये थे और इनके लिए 890 प्रस्तावक थे. सभी सेट गाँधी के नाम के भरे गये थे. रामचंद्रन ने नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 11 दिसंबर को गांधी के निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने की औपचारिक घोषणा की थी.

  • 2004 में राजनीति में प्रवेश
  • अपने पिता राजीव गांधी की अमेठी लोकसभा सीट से सांसद बने
  • 24 सितंबर 2007 को कांग्रेस महासचिव बने
  • युवा कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन का प्रभार मिला
  • 2009 में अमेठी से फिर सांसद चुने गये
  • 2012 के उप्र विस चुनाव में दो माह तक पूरे प्रदेश का सघन दौरा कर करीब दो सौ रैलियां की
  • 2013 में कांग्रेस उपाध्यक्ष बने
  • 26 सितंबर 22013 को सरकार के दागी नेताओं के अध्यादेश को फाड़ा
  • 2014 में अमेठी से फिर सासंद चुने गये
  • भूमि अधिग्रहण विधेयक पर मोदी सरकार के खिलाफ देश व्यापी प्रदर्शन
  • मई 2011 में भट्टा पारसौल में प्रदर्शन और गिरफ्तारी

सहारा न्यूज ब्यूरो/एजेंसियां


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