कांग्रेस में शनिवार राहुल गांधी युग की शुरुआत होगी
कांग्रेस में शनिवार से राहुल गांधी युग की शुरुआत हो जाएगी जब वो मां सोनिया गांधी से पार्टी कमान अपने हाथों में ले लेंगे.
राहुल गांधी (फाइल फोटो) |
कांग्रेस का संविधान पार्टी अध्यक्ष को असीमित अधिकार प्रदान करता है,उस नाते अब कांग्रेस में सिर्फ वही होगा जो राहुल चाहेंगे. राहुल चाहें तो पार्टी में नए पद भी बना सकेंगे. यानी पार्टी संविधान से इतर उपाध्यक्ष या महासचिव जैसे पद भी चाहें तो रख सकते हैं.
शनिवार को राहुल कांग्रेस की चुनाव अथॉरिटी से अध्यक्ष निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र लेने के बाद अपना काम शुरू करेंगे. हालांकि राहुल गांधी का अपने दफ्तर में जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है. निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र लेने का कार्यक्रम पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होकर लगभग 40 मिनट चलेगा. जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी,निर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी,पूर्व पीएम मनमोहन सिंह समेत पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे. प्रमाण पत्र लेने के लिए अलग से कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस में पहली बार हो रहा है.
सबकी निगाह इस पर है कि कांग्रेस में फैसले लेने के लिए सबसे महत्वपूर्ण समझी जाने वाली कार्यसमिति की बैठक राहुल कब बुलाते हैं ? दरअसल उसी से पता चल सकेगा कि राहुल आगे कांग्रेस को किस तरह से चलाना चाहते हैं. समझा जा रहा है कि गुजरात के नतीजों के बाद राहुल वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक अवश्य करेंगे. संसद का सत्र चालू रहने की वजह से अभी वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें संसद भवन में ही संभावित है.
सोमवार और मंगलवार के लिए पार्टी ने अपने सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए व्हीप भी जारी किया है. बताया जा रहा है कि गुजरात के नतीजों के तत्काल बाद राहुल वरिष्ठ नेताओं और गुजरात में लगाए गए नेताओं के साथ एक समीक्षा बैठक अवश्य करेंगे. जहां तक सोनिया गांधी की पार्टी के भीतर भूमिका की बात है, कांग्रेस में पूर्व अध्यक्ष कार्यसमिति का सदस्य होता है. उस नाते सोनिया गांधी कार्यसमिति की सदस्य रहेंगी. राहुल पार्टी मुख्यालय में अभी सोनिया गांधी का दफ्तर पूर्ववत बनाए रखना चाहते हैं. ताकि ये संदेश भी जाए कि कांग्रेस विरोधी भाजपा से अलग है और बुजुगरे का सम्मान भी करती है.
इसी क्रम में जब संसद भवन से भाजपा के सबसे बुजुर्ग नेताओं में से एक लालकृष्ण आडवाणी का कक्ष छीने जाने की अटकलें गर्म हैं तब राहुल चाहते हैं कि सोनिया कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख बनी रहें. सोनिया के पास इस नाते संसद भवन में अलग कक्ष भी बना रहेगा. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को मशविरा दिया है कि विपक्षी दलों से संवाद का जिम्मा सोनिया गांधी ही संभालें. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने इस बात को मान लिया है. राहुल यूपी,बिहार,एमपी में नए कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने पर भी फैसला ले सकते हैं. यूपी में नया प्रभारी भी वो देने जा रहे हैं.
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