प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र के सार्थक होने की जताई उम्मीद
प्रधानमंत्री ने आज उम्मीद व्यक्त की कि संसद का शीतकालीन सत्र सार्थक होगा जहां दूरगामी प्रभाव पैदा करने वाले सरकार के महत्वपूर्ण कामकाज पर संसद में अच्छी एवं सकारात्मक चर्चा होगी.
मोदी ने सुचारू सत्र की जतायी उम्मीद |
उन्होंने कहा कि सदस्यों के नवोन्मेषी सुझाव से संसद का उपयोग देश की समस्याओं के समाधान में हो सकेगा .
प्रधानमंत्री ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, संसद का हमारा शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. मुझे विश्वास है कि 2017 में प्रारंभ हो रहा यह शीतकालीन सत्र, जो 2018 तक चलेगा, उसमें सरकार के कई महत्वपूर्ण कामकाज सदन में आयेंगे जो दूरगामी प्रभाव पैदा करने वाले हैं . इसमें अच्छी बहस हो, सकारात्मक बहस हो, नवोन्मेषी सुझावों के साथ बहस हो, तो संसद के समय का उपयोग देश की समस्याओं के निवारण के लिए अधिक कारगर ढंग से हो सकेगा.
उल्लेखनीय है कि सत्र के दौरान 25 लंबित विधेयक और 14 नये विधेयक पेश किये जाने की उम्मीद है जिसमें तीन तलाक से संबंधित एक विधेयक भी शामिल हैं .
मोदी ने कहा कि आमतौर पर दिवाली के साथ-साथ ठंड का मौसम भी प्रारंभ हो जाता है. लेकिन ग्लोबल वार्मिग, जलवायु परिवर्तन इसका प्रभाव है कि अभी भी ठंड उतनी मात्रा में अनुभव नहीं हो रही है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कल भी हमारी सर्वदलीय बैठक हुई, उसमें भी स्वर यही है कि देश को आगे बढ़ाने की दिशा में इस सदन के सत्र का उपयोग सकारात्मक रूप से हो. मैं भी आशा करता हूं, कि सकारात्मक रूप से सदन का सत्र चलेगा, देश लाभान्वित होगा, लोकतंत्र मजबूत होगा, सामान्य मानव की आशा, आकांक्षाओं को परिपूर्ण करने में एक नया विश्वास पैदा होगा.
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