अमोघ अस्त्र ‘ब्रह्मोस मिनी’ के विकास-निर्माण में जुटा भारत

Last Updated 24 Nov 2017 05:54:16 AM IST

भारत और रूस अब ब्रह्मोस के अत्याधुनिक वर्जन ब्रह्मोस मिनी के विकास-निर्माण में जुट गए हैं.


अमोघ अस्त्र ‘ब्रह्मोस मिनी’ (file photo)

भारत-रूस की संयुक्त परियोजना ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेश’ अब ‘ब्रह्मोस मिनी’ के विकास में लगा हुआ है, जो निर्माण के बाद भारत के सभी तरह के लड़ाकू विमानों और पनडुब्बियों का ‘अमोघ अस्त्र’ बनेगा. ब्रह्मोस की तुलना में काफी हल्का और छोटा होने के कारण यह ‘मिनी’ संस्करण अपेक्षाकृत ज्यादा घातक होगा, क्योंकि इसकी स्पीड अधिक होगी. ब्रह्मोस की स्पीड 2.8 मैक के मुकाबले ब्रह्मोस मिनी की स्पीड 3.5 मैक होगी. इसके प्रथम चरण का काम पूरा हो गया है.

ब्रह्मोस एयरोस्पेश परियोजना के अधिकारिक सूत्रों ने इस बात को स्वीकार किया कि ब्रह्मोस मिनी के निर्माण के बाद मौजूदा सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ सिर्फ सेना और नौसेना के लिए सीमित कर दी जाएगी. नया ‘ब्रह्मोस मिनी’ ही भारतीय लड़ाकू विमानों और पनडुब्बियों का मुख्य शस्त्र होगा. इसे अमोघ अस्त्र कहना अनुचित न होगा. ब्रह्मोस का वजन तीन टन और लम्बाई 8.9 मीटर होने के नाते इसके वायु वर्जन को सिर्फ सुखोई-30एमकेआई ही ले जाने में सक्षम होगा, जिसका परीक्षण भी अभी सुखोई से नहीं हुआ है. वैसे भी ब्रह्मोस का सिर्फ एक राकेट ही सुखोई में लगाया जा सकेगा. जब कि ‘ब्रह्मोस मिनी’ हल्का (1.5 टन) और छोटा (6 मीटर) होने के कारण इसके तीन राकेट ‘सुखोई 30एमकेआई’ लड़ाकू विमान में लगाये जा सकेंगे.

ब्रह्मोस की स्पीड 2.8 मैक के मुकाबले ब्रह्मोस मिनी की स्पीड 3.5 मैक होगी. ब्रह्मोस मिनी हल्का और छोटा होने के बावजूद इसकी मारक क्षमता में कहीं कोई कमी नहीं आयेगी, क्योंकि इसकी स्पीड अधिक होगी. यह भी तीन सौ किलोमीटर दूर तक मार करने में सक्षम होगा. ब्रह्मोस का वायु वर्जन सिर्फ सुखोई 30एमकेआई के लिए बनाया गया है, जब कि ब्रह्मोस मिनी भारत के सभी लड़ाकू विमानों- मिराज 2000, मिग-29के और सुखोई 30एमकेआई के साथ फ्रांस से खरीदे जा रहे विमान ‘राफेल’ में फिट किया जाएगा. यहां तक कि जब कभी पांचवे जनरेशन (एफजीएफए) का लड़ाकू विमान भारत के पास होगा, उसमें भी यही लगाया जाएगा.

ब्रह्मोस मिनी की एक खासियत यह भी होगी कि इसे नौसेना की सभी पनडुब्बियों के तारपीडोज पर भी लगाया जा सकेगा. लब्बोलुआब यह कि भविष्य में भारतीय वायुसेना के सभी लड़ाकू विमानों का मुख्य अमोघ अस्त्र ब्रह्मोस मिनी ही होगा, न कि ब्रह्मोस.

संजय सिंह
सहारा न्यूज ब्यूरो


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