लीक हो रही गोपनीय सूचनाओं से चिंता में सरकार
केंद्र सरकार इस बात से काफी परेशान है कि कई गोपनीय दस्तावेज, फाइलों पर लिखी टिप्पणियां और अन्य संरक्षित सामग्री लगातार लीक हो रही हैं.
केके वेणुगोपाल, अटार्नी जनरल |
केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इसके पीछे कुछ असंतुष्ट कर्मचारियों का हाथ हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कैबिनेट के नोट्स समेत विभिन्न गोपनीय और संवेदनशील दस्तावेजों के आधार पर जनहित याचिकाएं दायर किए जाने पर केंद्र की अत्यधिक चिंता का गंभीरता से संज्ञान लिया है.
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ के समक्ष केंद्र सरकार ने कहा कि फाइल में लिखी टिप्पणियां, जो संरक्षित सामग्री हैं, कुछ असंतुष्ट कर्मचारियों के माध्यम से लोगों के हाथों में पहुंच रही हैं. इस पर पीठ ने कहा कि यह घटनाक्रम बेहद गंभीर है जिसमें शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप की जरूरत है.
अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले से संबंधित एक जनहित याचिका पर अधिवक्ता प्रशांत भूषण की बहस के दौरान केंद्र की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अपनी चिंता जाहिर की.
वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार बेहद चिंतित है, क्योंकि जांच एजेंसियां भी इन संवेदनशील दस्तोवजों को संरक्षित नहीं कर सकी हैं. इसपर पीठ ने कहा कि निश्चय ही, आप जो कह रहे हैं वह गंभीर बात है. हां, हम इस पर विचार करेंगे.
वेणुगोपाल ने यह बात उस समय कही जब शीर्ष अदालत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अतिविशिष्ट व्यक्तियों के इस्तेमाल के लिए एक अगस्ता हेलीकॉप्टर की खरीद में कथित अनियमितताओं और मुख्यमंत्री रमन सिंह के पुत्र से कथित रूप से जुड़े विदेशी बैंक खातों की जांच के लिए दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रशांत भूषण ने पीठ से कहा कि याचिकाकर्ता ने इनमें से कुछ दस्तावेज सूचना के अधिकार कानून के अंतर्गत प्राप्त किए हैं. पीठ ने भूषण से कहा कि वह याचिकाकर्ता द्वारा सूचना के अधिकार कानून के तहत मिले जवाब देखना चाहेगी.
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