ऑड-ईवन पर NGT की दिल्ली सरकार को फटकार, कहा- साबित करें कि कम होगा प्रदूषण
एनजीटी ने दिल्ली सरकार को आनन-फानन में ऑड-ईवन लागू करने के लिए कड़ी फटकार लगाई है. एनजीटी ने कहा कि दिल्ली सरकार तब तक ऑड-ईवन लागू नहीं कर सकती जब तक ये साबित न कर दे कि इससे प्रदूषण कम होगा.
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केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ((डीपीसीसी)) की ओर से ऑड-ईवन को अप्रभावी बताये जाने के बावजूद दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन की घोषणा की. इसको लेकर एनजीटी ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथ लिया. उसने कहा जब स्थिति में सुधार हो रहा है तब सरकार इस योजना को अमल में ला रही है. सरकार को यह कदम पहले उठाना चाहिए था. अब इस योजना से लोगों को दिक्कतें होंगी.
एनजीटी ने सरकार से कहा कि इस योजना को इस तरह लागू नहीं किया जा सकता. उसने कहा कि डीपीसीसी और सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछली बार यह योजना ज्यादा कारगर नहीं रही थी.
दिल्ली सरकार ने 13 से 17 नवम्बर तक ऑड-ईवन योजना शुरू करने की घोषणा की है. इसके तहत एक दिन वाहन के आखिरी के ऑड नंबर और एक दिन ईवन नम्बर के चौपहिया वाहनों की चलानी की अनुमति होगी. सरकार पिछले साल भी दो बार 1 से 15 जनवरी और 15 से 30 अप्रैल तक इसे अमल में लायी थी. एनजीटी कल भी इस मामले पर सुनवाई जारी रखेगा.
इस बीच दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन योजना के दौरान दिल्ली परिवहन निगम और इसके अधीन चलने वाली कलस्टर बसों में मुफ्त सफर की सुविधा देने की घोषणा की है.
एनजीटी ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए कहा कि सरकार को कल अपनी इस योजना को उचित ठहराने के पीछे ठोस आधार देना होगा. उसने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कभी भी इस योजना को लागू करने के लिये नहीं कहा. सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रित करने के लिये सौ उपाय बताये किन्तु सरकार ने हमेशा ऑड- ईवन को ही चुना.
एनजीटी ने कहा कि पिछले एक साल से दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रित करने के लिये सरकार ने कुछ नहीं किया और इस योजना को इस तरीके से लागू नहीं किया जा सकता.
दिल्ली के लोग पिछले चार दिन से जहरीले प्रदूषण से बुरी त्रस्त है. दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों की 12 नवम्बर तक छुट्टी कर दी गयी है. प्रदूषण से निपटने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णयों में सभी निर्माण गतिविधियों पर फिलहाल रोक लगायी गयी है. पार्किंग शुल्क चार गुना बढ़ाया गया है. दिल्ली की सीमा में केवल उन्हीं ट्रकों को आने की अनुमति होगी जो राजधानी के लिये आवश्यक सामान ला रहे हैं. मेट्रो रेल और दिल्ली परिवहन निगम बसों के फेरे बढ़ाने का फैसला भी किया गया है.
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