प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 से 14 नवंबर तक फिलिपीन की यात्रा पर जायेंगे

Last Updated 09 Nov 2017 06:32:57 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 से 14 नवंबर के दौरान फिलिपीन की यात्रा पर जा रहे हैं जहां वे 15वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन और 12वें पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो)

इस यात्रा के दौरान दोनों देश आर्थिक संबंधों, वाणिज्य, निवेश, कारोबार, कौशल विकास समेत द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा बनाने पर चर्चा करेंगे.

विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्वी) प्रीति सरण ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फिलिपीन के राष्ट्रपति यूटाटे के बीच वार्ता के दौरान दोनों नेता क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय महत्व के विषयों तथा साझे हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा आसियान देशों के साथ सम्पर्को को और गहरा बनाने और एक्ट ईस्ट नीति पर गहराई से अमल करने का प्रतीक है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह फिलिपीन की पहली सरकारी यात्रा है. वे चौथी बार भारत-आसियान शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. प्रधानमंत्री की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत आसियान वार्ता गठजोड़ के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं, साथ ही आसियान के साथ भारत के शिखर स्तरीय सहयोग के 15 वर्ष और सामरिक गठजोड़ के 5 वर्ष पूरे हो रहे हैं.

सरण ने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री आसियान के 50वें वर्ष के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इस दौरान वे आसियान देशों के नेताओं से भी मिलेंगे. वे वहां इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट जायेंगे जो चावल के शोध के क्षेत्र में विषय का अग्रणी देश है. वे महावीर फिलिपीन फाउंडेशन भी जायेंगे.

विदेश मंत्रालय की सचिव (पूर्व) ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति यूटाटे के बीच बैठक से हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिये और मजबूत आधार तैयार होगा.



प्रीति सरण ने कहा कि हम फिलिपीन और आसियान के साथ अपने संबंधों को उच्च प्राथमिकता देते हैं जो हमारे साझा मूल्यों, बहुलतावाद के प्रति सम्मान की भावना, लोकतंत्र और कानून का शासन पर आधारित हैं. फिलिपीन भारत का महत्वपूर्ण सहयोगी है. हमारे दोनों देशों की सरकार सुशासन, समावेशी विकास और सहकारी संघवाद की भावना के साथ काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक्ट ईस्ट नीति पर जोर देने की पहल के तहत हम हमारे आर्थिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने को प्रतिबद्ध हैं. हम कृषि, कौशल विकास, क्षमता निर्माण समेत विविध विषयों पर सहयोग बढ़ाने को उत्सुक हैं.

विदेश मंत्रालय की सचिव (पूर्व) ने कहा कि हम आसियान प्लस, पूर्वी एशियाई, एडीएमएम प्लस जैसे मंचों पर अपनी बात को पुरजोर ढंग से रखते हैं. हम आसियान देशों के साथ हमारे संबंधों को प्रगाढ़ बनाने को तत्पर हैं. भारत आसियान की एकता का क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे के दायरे में समर्थन करता है. हमारे संबंध ठोस और एक दूसरे के परिपूरक हैं.
     
आसियान के साथ हमारा कारोबार कुल करोबार का 10 प्रतिशत है. पिछले 17 वर्षों में आसियान देशों ने 17 अरब डालर का निवेश किया है.

भाषा


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